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केवल बाबा साहब को श्रद्धांजलि देने से नहीं सुधरेगी शोषितों की दशा

लखनऊ, सामाजिक संस्था बहुजन भारत ने गुरुवार को संस्था मुख्यालय पर संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि आज संविधान निर्माता बाबा साहब का जन्मदिन पूरा देश मना रहा है, ऐसे में अबतक केंद्र व राज्य की सभी सरकारों ने भी बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर को नमन करते हुए उन्हें केवल अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन संविधान में दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए प्रदत्त अधिकारों को इन वर्गों को नहीं दिया, इन वर्गों को संविधान में प्रदत्त अधिकार देना ही बाबा साहब को सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि बाबा साहब के आदर्शों पर चलकर बहुजन नायक कांशीराम जी ने देश के 85 फीसदी शोषित-वंचित दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को एकजुट करके एक बड़ी ताकत खड़ी की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के नाम पर कांशीराम जी ने एक बैनर के नीचे शोषित और वंचित समाज की विशाल आबादी को सफलतापूर्वक एकजुट कर दिया, इस चमत्कार को देखकर भाजपा समेत अन्य दलों ने भी बाबा साहब के नाम का इस्तेमाल वोट के लिए करना शुरू किया और देश में दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बाबा साहब के नाम का खूब उपयोग किया जा रहा है, लेकिन देखना ये होगा कि केंद्र व राज्य सरकारें संविधान में प्रदत्त जो अधिकार दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए हैं, इन वर्गों को देंगी या केवल वोट की खातिर बाबा साहब के नाम का प्रयोग ही करती रहेंगी।

इस मौके पर संस्था के महासचिव चिंतामणि ने कहा कि बाबा साहब ने भारतीय संविधान में शोषित-वंचित समाज को सारे अधिकार दिए, ये अधिकार केवल हमारी संविधान की पुस्तक में ही सिमट कर ना रह जाये, इसके लिए बहुजन समाज के लोगों को अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना होगा। इस मौके पर संस्था के उपाध्यक्ष नन्द किशोर, कोषाध्यक्ष रामकुमार गौतम, संयुक्त सचिव कृष्ण कन्हैया पाल, नवल किशोर, सत्यभान, बसंत लाल वर्मा, जवाहर लाल, विजय चौधरी, राम सजीवन, अनुराग यादव आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।