नई दिल्ली, राफेल डील (Rafale deal) को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद (Francois Hollande) के बड़े ख़ुलासे के बाद कि अनिल अंबानी के रिलायंस का नाम उन्हें भारत सरकार ने सुझाया था, उनके पास और कोई विकल्प नहीं था, मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं हैं.
ओलांद के इस खुलासे के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के साथ विश्वासघात किया, तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केजरीवाल ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जी सच बोलिए. इस बीच रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान से जुड़ी इस रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘प्रधानमंत्री ने बंद कमरे में राफेल सौदे को लेकर बातचीत की और इसे बदलवाया. फ्रांस्वा ओलांद का धन्यवाद कि अब हमें पता चला कि उन्होंने (मोदी) दिवालिया अनिल अंबानी को अरबों डॉलर का सौदा दिलवाया.’ राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने हमारे सैनिकों के लहू का अपमान किया है.
इससे पहले राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ‘यूपीए सरकार ने 126 विमान खरीदने का करार किया था, जिसमें एक विमान की कीमत 526 करोड़ रुपये तय की गई थी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कांट्रैक्ट में 1600 करोड़ रुपये का रेट रखा गया.’ उन्होंने आरोप लगाया कि अनिल अंबानी ने अपनी पूरी जिंदगी में विमान नहीं बनाया, मगर मोदी ने रक्षामंत्री से बिना पूछे अनिल अंबानी को कांट्रैक्ट दे दिया.
राजद अध्यक्ष लालूप्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा कि –
मित्रों, राफ़ेल सौदे के घालमेल और तालमेल की सही जानकारी 125 करोड़ देशवासियों को मिलनी चाहिए कि नहीं? मिलनी चाहिए की नहीं? अगर पूँजीपति मिलनसार प्रधानमंत्री गुनाहगार व भागीदार नहीं है और ईमानदार चौकीदार है तो सच बताने में डर काहे का??
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘अगर इस तरह को कोई करार हुआ है तो यह राफेल सौदा एक घोटाला है. मोदी सरकार ने झूठ बोला और भारतीयों को गुमराह किया. पूरा सच हर हाल में सामने आना चाहिए.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ओलांद का बयान सीधे-सीधे उस बात का विरोधाभासी है जो अब तक मोदी सरकार कहती रही है. केजरीवाल ने पूछा कि क्या करार पर ‘अहम तथ्यों को छिपाने’ से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला गया?
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘सफ़ेद झूठ का पर्दाफ़ाश हुआ. प्रधानमंत्री के साठगांठ वाले पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 30 हजार करोड़ रुपये के ऑफसेट कांट्रैक्ट से वंचित किया गया. इसमें मोदी सरकार की मिलीभगत और साजिश का खुलासा हो गया है.’
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘फ्रांस्वा ओलांद को यह भी बताना चाहिए कि 2012 में जो विमान 590 करोड़ रुपये का था, वो 2015 में 1690 करोड़ रुपये का कैसे हो गया. 1100 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है.’