इंदौर, मध्यप्रदेश के इंदौर के एक निजी अस्पताल में एक संक्रमित वृद्ध का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिलने के बाद मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश आज जारी किए गए।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार 80 वर्षीय वृद्ध की मौत कल रात उपचार के दौरान यहां अस्पताल में हो गई थी। जिसके बाद आज सुबह उनके परिजनों को उनका शव सौंपा गया। इस दौरान शव की पहचान के लिए चेहरा दिखाए जाने पर शव की आँखे और शरीर के अन्य हिस्से असमान्य दिखाई दिए। बदहवास परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग करते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए इंदौर जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर अजय देव शर्मा को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। हालाकि शव का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मृतक के एक नजदीकी रिश्तेदार ने अस्पताल प्रबंधन पर कई आरोप लगाए हैं।
उधर आरोपों से घिरे अस्पताल प्रबंधन की ओर से मेडिकल ऑफिसर डॉ राकेश पाटीदार ने आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मृतक को गम्भीर अवस्था मे भर्ती किया गया था। मजिस्ट्रियल जांच की अवधि और जांच बिंदु की जानकारी फिलहाल साझा नहीं की गयी है।
इसके पहले भी यहां शासकीय महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय के मुर्दाघर में एक शव के कंकाल बन जाना का मामला सामने आ चुका है।