जालौन, उत्तर प्रदेश में जालौन जिले की माधवगढ़ तहसील में बारिश के बाद दिखायी दिये पीले रंग के मेंढ़कों से क्षेत्रवासियों में डर फैल गया और मेंढ़कों को लेकर तरह तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है।
जिले में जारी बरसात के बीच माधवगढ़ तहसील के कुछ गांवों में पीले रंग के मेंढ़क दिखायी दिये । सिरसा दोगढ़ी गांव के निवासी सुरेंद्र राजावत, देवेंद्र राजावत और मोनू शर्मा सहित कई अन्य ग्रामीणों ने बताया इस तरह की विचित्र मेंढक देखने से लोगों में दहशत व्याप्त है कुछ लोग कह रहे हैं कि कोई दैवी आपदा आने वाली है तो कुछ लोगों का कहना यह है यह जहरीली प्रजाति के हैं। डर के कारण ग्रामीणों में अफवाहों का बाजार गर्म है। इस प्रजाति के बारे में स्थानीय प्रशासन भी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है ।
इन मेंढ़कों के बारे में झांसी के बिपिन बिहारी कॉलेज में जीवविज्ञान के सहायक प्रोफेसर मानवेंद्र सेंगर से मंगलवार को जब बात की गयी तो उन्होंने तस्वीर साफ करते हुए बताया कि यह देश में पाये जाने वाले सामान्य मेंढ़क ही हैं जो सर्वाधिक संख्या में पाये जाते हैं, इनका वैज्ञानिक नाम हैप्लो बेट्राक्स टिग्रेनिस है, ये जहरीले नहीं है। इस समय मेंढकों का प्रजननकाल हाेने के कारण मादा मेंढक को आर्कषित करने के लिए नर मेंढ़क अपने रंग में बदलाव करते हैं और इनका यह पीलापन इसी बदलाव का नतीजा है । इसे सामान्य मेंढ़क राना टिग्रीना का प्रजननकालिक अनुकूलन माना जा सकता है। यह बदलाव कुछ समय के लिए ही होता है। प्रजननकाल के खत्म होने के बाद यह फिर अपने सामान्य ओलिव ग्रीन रंग में आ जायेंगे।
यह पूरी तरह से किसानमित्र हैं जो मच्छरों के लार्वा को भी चट कर जाते हैं और दूसरे कीटों का भी सफाया कर देते हैं। भारत मे यूं तो जहरीले मेंढ़क पाये नहीं जाते हैं एकमात्र प्रजाति ब्यूफो है जो थोड़ी सी जहरीली होती है लेकिन उसमें भी इतना जहर नहीं होता कि वह किसी इंसान की जान ले सके। जहां तक इन पीले मेंढ़कों का सवाल है तो इनका अमेरिकी महाद्वीप में पाये जाने वाले बेहद जहरीले “ गोल्डन फ्रॉग” से कोई संबंध नहीं है। जालौन में दिखायी दी यह प्रजाति भारत में मिलने वाली मेंढकों की सामान्य प्रजाति ही है । इनसे किसानों और आम लोगों को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।