लखनऊ, देश के ग्रामीण, वनवासी और वंचित तबकों के 30 लाख से अधिक बच्चों को बुनियादी शिक्षा से भारत निर्माण में जुटे एकल अभियानष् को जनांदोलन में बदलने के लिए लखनऊ में 16 से 18 फरवरी तक परिवर्तन कुंभ और पर्यावरण सुधारने की दिशा में एक छात्र.एक पेड़ गोद लेने के कार्यक्रम की शुरुआत होगी।
भारत लोक शिक्षा परिषद के न्यासी और न्यास बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में परिवर्तन कुंभ की जानकारी देते हुए बताया कि पहले दिन 16 फरवरी को रमाबाई अंबेडकर मैदान में उत्तर भारत के 20 हजार गांवों से एक लाख से ज्यादा स्वराज सैनिक स्वराज सेनानी सम्मेलन के लिए एकत्रित होंगे।
श्री गोयल ने बताया कि अगले दो दिनों में डाॅ राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डॉ अंबेडकर सभागार में परिवर्तन कुंभ की शुरुआत होगी जिसमें अगले पांच साल की कार्ययोजना पर मंथन के साथ ही गत पांच वर्षों में हासिल उपलब्धियों की समीक्षा की जायेगी। सामाजिक परिवर्तन की मिसाल ष्एकल अभियानष् का शुभारंभ 30 वर्ष पहले किया गया था। वर्ष 1989 में केवल एक विद्यालय से शुरू अब एकल विद्यालयों की संख्या एक लाख को पार कर गई है। उन्होंने बताया कि शिक्षित समाज निर्माण के साथ ही पर्यावरण को सुधारने की दिशा में लखनऊ कुंभ से एक छात्र.एक पेड़ गोद लेने के अभियान का आह्वान भी होगा।
उन्होंने बताया कि अभियान का विस्तार अब 27 राज्यों के 360 जिलों में हो चुका है और एक लाख से अधिक एकल विद्यालय हैं। पिछले पांच वर्षों में एकल विद्यालयों की संख्या में करीब दोगुना बढ़ोतरी हुई है। इन विद्यालयों में 30 लाख से अधिक छात्रों को बुनियादी शिक्षा के साथ ष्राष्ट्र धर्म सर्वोपरिष् और संस्कारों की भी शिक्षा दी जाती है। बचपन से ही कंप्यूटर शिक्षा भी एकल अभियान की शिक्षा पद्धति का अहम हिस्सा है।
अध्यक्ष ने बताया कि तीन दिन के इस आयोजन में लखनऊ महानगर में लघु भारत का दृश्य नजर आयेगा और देश भर के विभिन्न अंचलों में एकल अभियान के तहत चलाए जा रहे कुटीर उद्योगों का संजीव चित्रण करने लिए एक भव्य प्रदर्शन का आयोजन भी किया जायेगा जिसमें कुछ प्रमुख उत्पाद बिक्री के लिए भी उपलब्ध रहेंगे।
एकल अभियान अपनी विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के साथ देश के चार लाख गांवों में बसे 30 करोड़ वन बंधुओं और ग्रामवासियों में विभिन्न प्रकार योजनाएं .. एकल विद्यालय योजना, आरोग्य योजना, ग्रामोत्थान योजना, ग्राम स्वराज योजना और श्रीहरि कथा प्रसार जैसी योजनाओं के माध्यम से शिक्षित एस्वस्थ और समर्थ भारत निार्मण के साथ.साथ स्वाभिमान जागरण और प्रखर राष्ट्रवाद की भावना प्रबल करने के लिए सतत प्रयत्नशील है।
श्री गोयल ने बताया कि एकल अभियान को ग्रामीण और आदिवासी बच्चों की शिक्षा में योगदान के लिए 2017 के गांधी शांति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि एक लाख एकल विद्यालयों के अतिरिक्त 66560 सत्संग केंद्रए 19 कंप्यूटर वैनए 14 ग्रामोत्थन संस्थान केंद्रए 32 आरोग्य संस्थान केंद्र और श्रीहरि मंदिर रथ प्रभावी रुप से काम कर रहे हैं। एकल अभियान एक लाख से अधिक विद्यालयों के संचालन का खर्च वहन कर रहा है और परिवर्तन कुंभ के बाद इसे और विस्तारित किया जायेगा।