15% समुदाय से आते हैं ज्यादातर संसद सदस्य, कई जातियों को 70 साल में नही मिला मौका
September 18, 2018
औरंगाबाद, देश की संसद मे ज्यादातर लोकसभा सदस्य 15% समुदाय से आते हैं। वहीं देश मे कई जातियां एेसी भी हैं जिन्हे देश की आजादी के बाद से अब तक संसद में प्रतिनिधित्व का मौका नही मिला है। ये भारतीय लोकतंत्र की कड़वी सच्चाई है।
अखिल भारतीय अन्य पिछड़ा वर्ग संगठन के नेता शब्बीर अंसारी ने संवाददाताओं से को कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों में से अधिकतर चुने हुए प्रतिनिधि 15 प्रतिशत समुदाय की जनता के बीच आते हैं जबकि शेष जातियों के लोगों को पिछले 60-70 वर्ष में प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं मिला है।
शब्बीर अंसारी ने कहा कि उनका लक्ष्य आगामी लोकसभा चुनाव में ओबीसी समाज के अधिक से अधिक प्रतिनिधियों को जिताना है। उन्होंने कहा कि हम लोग सभी गांव में जायेंगे और ओबीसी समुदाय के लोगों को एकत्र करेंगे और महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और ओबीसी समुदाय के अन्य नेताओं के साथ इस मुद्दे पर बात करेंगे।
अंसारी ने कहा कि बीआरपी-बीएमएम के मुखिया प्रकाश आंबेडकर अौर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन औवेसी ने मिलकर हाल ही में एक नयी राजनीतिक पार्टी श्बहुजन वंचित अघाडी बनायी है ।एआईएमआईएम हिंदू और मुसलमान के बीच दरार पैदा करने का प्रयास कर रही है इसलिए हम अघाडी के साथ नहीं जायेंगे।