नयी दिल्ली, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को दिल्ली दंगों से जोड़कर एकतरफा कार्रवाई पर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव को शुक्रवार को एक पत्र लिखा है।
योगेन्द्र यादव ने पत्र में कहा है कि सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल छात्रों और कार्यकर्ताओं को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में जोड़कर गिरफ्तारियां करना चिंताजनक है। जामिया की छात्रा सफूरा जरगर, मीरान हैदर और सामाजिक कार्यकर्ता खालिद सैफी तथा इशरत जहां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है जबकि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा नेता कपिल मिश्रा जैसे भड़काऊ भाषण देने वाले लोग खुलेआम घूम रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के दोनों नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के सार्वजनिक सबूत हैं उसके बाद पुलिस ने इनसे एक बार भी पूछताछ नहीं की है।
उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में घुसकर छात्रों पर हमला करने वाले गुंडों को चार महीने बाद भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष ने कहा कि कानून की रक्षा करना और लोगों को न्याय दिलाना पुलिस की संवैधानिक ड्यूटी है। दिल्ली हिंसा में मारे गये 50 से अधिक लोगों के दोषियों को अगर सजा नहीं मिल पाती है तो यह बहुत बड़ी त्रासदी होगी।
उन्होंने पुलिस आयुक्त को आगाह किया कि सामाजिक कार्यकताओं के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई से पुलिस संस्थान पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने पुलिस की प्रतिष्ठा से समझौता नहीं करने का आग्रह किया है।