मथुरा, पेप्सिको फाउन्डेशन , रीसिटी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड और मथुरा नगर निगम के संयुक्त प्रयास से मथुरा वृन्दावन की स्वच्छता के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम इस धार्मिक नगरी की सफाई में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत चलाए जाने वाले इस अभिनव कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार से एक पौधा जब वृक्ष का रूप लेता है तो वह शीतल छाया से बहुत लोगों को सुख की अनुभूति कराता है, उसी प्रकार पेप्सिकों इन्डिया ने जहां अपने व्यापारिक कार्यक्रम में किसानों के हित के बारे में सोंचा है वहीं ऐसी उम्मीद की जाती है कि इस कार्यक्रम से माध्यम से स्वच्छता के मामले में मथुरा वृन्दावन की अलग पहचान बनेगी। मंत्री ने इस अवसर पर योजना के प्रतीक चिन्ह का भी विमोचन किया।
पेप्सिको इण्डिया के एसोसिएट डायरेक्टर राहुल शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्येश्य मथुरा वृन्दावन के कचरा प्रबंन्धन को मॉडल के रूप में पहचान दिलाना है। प्रोग्राम के पायलट चरण में 100 औपचारिक तथा अनौपचारिक अपशिष्टकर्मियों को पेशेवर में बदलने के साथ आर्थिक एवं सामाजिक असमानता के मुद्दों पर जागरूकता बढायी जाएगी।उन्होंने बताया कि अपशिष्ट अलग थलग करने के बारे में ऐसी जागरूकता बढ़ाई जाएगी कि स्रोत पर ही कार्य हो जाय। इसके अन्तर्गत वेस्ट इन्टेलीजेंस टेक्नालाजी का प्रयोग किया जाएगा तथा चार हजार प्रापर्टी यूनिटों से 500 मीट्रिक टन शहरी कचरे को हटाने की प्रक्रिया में 20 हजार नागरिकों को जोड़ा जाएगा।
सहसंस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीससिटी नेटवर्क प्रा लि का कहना था कि कार्यक्रम में मथुरा के वेस्ट ईको सिस्टम में बुनियादी तंत्र स्थापित कर शहर को स्वच्छता के आदर्शों की ओर ले जाने का प्रयास किया जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, नगर आयुक्त अनुनय झा का कहना था कि नागरिकों के सहयोग से चलनेवाले इस कार्यक्रम से मथुरा वृन्दावन भारत के सर्वाधिक स्वच्छ शहरों में बदल सकता है।