लखनऊ, ज्ञानोत्सव (मिशन प्रेरणा) कार्यक्रम का उद्देश्य बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षारत बच्चों की दक्षता को बढ़ाने के लिए 100 दिवसीय शिक्षण अभियान शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम आज प्रदेश के सभी ब्लाकों में आयोजित किया जा रहा है।इस अवसर पर द्विवेदी ने मिशन प्रेरणा के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को ‘प्रेरक प्रदेश‘ के रूप में विकसित करने के लिये शिक्षकों, अभिभावकों एवं अधिकारियों को शपथ दिलायी गयी।
कोरोना महामारी के चलते लगभग 01 वर्ष से विद्यालयों के बन्द रहने से बच्चों की दक्षताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसलिए बच्चों की दक्षता, शिक्षण अभिरूचि एवं आधारभूत लर्निंग कौशल पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने हेतु मिशन प्रेरणा का फ्लेगशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है।
यह विचार आज प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 सतीश चन्द्र द्विवेदी ने स्कूल आॅफ मैनेजमेण्ट सांइस काॅलेज, विकासखण्ड-गोसाईंगंज, लखनऊ में ‘‘प्रेरणा ज्ञानोत्सव समारोह (संगोष्ठी)‘‘ का शुभारम्भ के अवसर पर व्यक्त किये।
श्री द्विवेदी ने कहा कि गत एक वर्ष में कोविड महामारी की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी विभाग द्वारा मध्याह्न भोजन योजना, कायाकल्प, मिशन प्रेरणा एवं अन्य अकादमिक गतिविधियों के साथ ही कोविड महामारी से निपटने में अभूतपूर्व कार्य किये गये हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों के समन्वित प्रयासों हेतु विशेष प्रशंसा की गयी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के निराकरण हेतु सरकार द्वारा 1.20 लाख अध्यापकों की भर्ती की गयी है तथा पारदर्शी आॅनलाइन स्थानान्तरण प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण सुनिश्चित किये गये हैं। गवर्नेन्स एवं अनुश्रवण की व्यवस्था को सुधारने एवं संस्थागत स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग का एकीकृत ‘प्रेरणा‘ पोर्टल एवं ‘मानव सम्पदा‘ पोर्टल विकसित करते हुए पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। इसके माध्यम से आॅनलाइन एवं पेपर लेस व्यवस्था की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया गया है।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि फाउण्डेशनल लिटरेसी एण्ड न्यूमरेसी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये विभाग द्वारा दो पहलुओं-‘‘मिशन प्रेरणा‘‘ एवं ‘‘कायाकल्प‘‘ को केन्द्रित करते हुए कार्य किया जा रहा है। आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण का वृहद् अभियान संचालित किया जा रहा है तथा अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा रहा है। समग्र शिक्षा अभियान, राज्य निधि, जिला मिनरल फन्ड, ग्राम पंचायत निधि एवं अरबन लोकल बाॅडी फंड द्वारा वित्तीय पोषण करते हुए विद्यालय में अवस्थापना सुविधाओं का निरन्तर संतृप्तिकरण किया जा रहा है। फलस्वरूप कायाकल्पित विद्यालयों का स्वरूप जनमानस के समक्ष प्रस्तुत हुआ है। उन्होंने कहा कि मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों की सम्प्राप्ति हेतु विद्यालयों एवं कक्षा-कक्षों का रूपान्तरण करने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही है। कक्षा-कक्ष रूपान्तरण के उद्देश्य से विद्यालयों में गणित किट, प्रिंट रिच सामग्री, गे्रडेड बुक्स, लाइब्रेरी बुक्स, प्रेरणा लक्ष्य, तालिका, सूची आदि उपलब्ध करायी जा रही हैं तथा बच्चों की रियल टाइम माॅनीटरिंग के लिये कक्षाओं में प्रेरणा तालिका चस्पा करायी गयी हैं। बुनियादी शिक्षा एवं उपचारात्मक शिक्षा हेतु शिक्षकों को शिक्षक हस्तपुस्तिकायें उपलब्ध करायी गयी हैं। निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत शिक्षकों की क्षमता संवर्द्धन हेतु देश का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया गया है। श्री द्विवेदी ने कहा कि सर्वप्रथम प्रेरक विद्यालय/प्रेरक विकासखण्ड/प्रेरक जनपद/प्रेरक मण्डल का लक्ष्य हासिल करने वाले अध्यापकों/खण्ड शिक्षा अधिकारियों/बेसिक शिक्षा अधिकारियों/मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को शिक्षक दिवस पर पुरस्कृत किये जायेंगे। समन्वित प्रयासों, बदलते शैक्षिक वातावरण एवं तकनीकियों के दृष्टिगत गाँव के गरीब बच्चों के लिये आदर्श विद्यालय की संकल्पना को साकार करने तथा मिशन प्रेरणा के निर्धारित लक्ष्यों के आधार पर प्रेरक विद्यालय, प्रेरक विकासखण्ड एवं प्रेरक प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। डाॅ0 द्विवेदी ने कार्यक्रम में जनपद-लखनऊ के गोसाईंगंज विकासखण्ड के 10 ग्रेड काम्पिटेण्ट बच्चों अर्थात् ‘प्रेरक बालक/प्रेरक बालिकाओं‘ को प्रमाण पत्र वितरित किये गये तथा बच्चों के नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि करने वाले शिक्षकों/शिक्षिकाओं को भी सम्मानित किया। साथ ही प्रेरक बालक/बालिकाओं के अभिभावकों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया।
इस अवसर पर आमंत्रित गैर सरकारी संस्थाओं, अन्य विभिन्न संस्थाओं एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा गोसाईंगंज विकासखण्ड के 10 विद्यालयों के लिये स्मार्ट टी0वी0 एवं 200 कुर्सियां दान स्वरूप उपलब्ध करायी गयीं। जिसपर डाॅ0 द्विवेदी ने प्रशंसा की तथा उपस्थित सभी महानुभावों से अपील की कि सक्षम लोगों को परिषदीय विद्यालयों के परिवेश को बेहतर बनाने हेतु यथाआवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिये आगे आना चाहिए जिससे कि अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें।
इस अवसर पर कार्यक्रम में बच्चों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गयीं। कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों में से एक अभिभाविका श्रीमती मनोरमा द्वारा ओजस्वी विचार व्यक्त किये गये तथा परिषदीय विद्यालयों में सुधारात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया को ऐतिहासिक बताया गया। इस समारोह में शिक्षा निदेशक (बेसिक), डाॅ0 सवेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, उत्तर प्रदेश, प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, लखनऊ, मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), लखनऊ मण्डल, लखनऊ एवं अन्य अधिकारीगण, अभिभावक तथा बच्चे उपस्थित रहे।