वाशिंगटन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में वर्जिनिया के अलेक्जेंड्रिया में नेशनल सांइस फाउंडेशन पर कहा कि भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और रिसर्च में आपसी सहयोग के लिए कुछ विचार साझा करना चाहता हूं। इस साझा प्रयास जरुरी है कि सरकार, उद्याेग, एकेडिमिया, शिक्षक और छात्र सभी को शामिल किया जाए।
प्रधानमंत्री माेदी और डॉ बाइडेन ने नेशनल साइंस फाउडेशन का दौरा किया। दोनों नेताओं ने अमेरिका और भारत के उन छात्राें के साथ भी मुलाकात की जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण उद्योगों को बनाने के लिए कौशल सीख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि आज वाशिंगटन आते ही मुझे इतने युवा और रचनात्मक दिमाग वाले लोगों के साथ जुड़ने का मौका मिला।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा नेशनल साइंस फाउडेशन के साथ मिलकर भारत कई प्राजेक्टस के साथ काम कर रहा है। इसलिए ये विशेष है। उन्होंने कहा कि डॉ. बाइडेन आपका जीवन आपके प्रयास और आपकी उपलब्धियां प्रेरणा का स्रोत हैं। हमारे वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए यह हम सभी का दायित्व है। इस उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षा, कौशल और नवाचार आवश्यक है और भारत में हमने इस दिशा में कई प्रयास किए हैं।
उन्होंने कहा हमने स्कूलों में लगभग दस हजार अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की है। जहां बच्चों को तरह तरह के नवाचार के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। हमने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप इंडिया मिशन शुरू किया है। हमारा लक्ष्य इस दशक को तकनीकी दशक बनाने का है।
श्री मोदी ने कहा आज भारत और अमेरिका की गति को बनाए रखने के लिए सख्त जरुरत है, जहां अमेरिका के पास उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान हैं, एडवांस टेक्नोलॉजी है वहीं भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा फैक्टरी है। इसलिए मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की साझेदारी सतत और समावेशी वैश्विक विकास का इंजन साबित होगा। उन्होंंने कहा कि अमेरिका में कम्युनिटि कॉलेज द्वारा निभाई जा रही इस भूमिका के लिए में हृदय से उनका आभार और आप सब का अभिनंदन करता हूँ।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और अनुसंधान में आपसी सहयोग के लिए में कुछ विचार साझा करना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि इस साझा प्रयास में जरूरी है कि सरकार, उद्याेग, एकेडिमिया, शिक्षक और छात्र सभी को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा दुनिया भर फैले वैज्ञानिकों और उद्यमियों का भारत के साथ संस्थानों के साथ आगे आने के लिए 2015 में ग्लोबल इनिसिएटिव ऑप एकेडमिक नेटवर्क शुरू किया था। मुझे बताते हुए बहुत खुशी हो रही है इसके तहत अब तक अमेरिका से 750 फैकल्टी सदस्य भारत आ चुके हैं। उन्होंने कहा मैं अमेरिका में शिक्षा से जुड़े नौकरी पेशा और सेवानिवृत्त लोगों से निवेदन करुंगा कि वे अपनी छुट्टियां खासतौर पर शीतकालीन छुट्टियां भारत में बिताएं और भारत को जानें और भारत की नयी पीढ़ी के साथ अपना ज्ञान बांटें।
प्रधानमंत्री ने कहा मुझे लगता है कि दोनों देशों को मिलकर इस बात करनी चाहिए। इससे हमें कई समस्याओं के समाधान भी मिल सकते है और भविष्य के नए विचार भी। उन्होंने कहा वो दिन दूर नहीं जब नवाबोनेशन का युवा भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में बैठे अपने दोस्त के साथ मिलकर एक आइडिया और प्रोजक्ट को नया आयाम देगा।
उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर से अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडेन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ और नेशनल सांइस फाउंडेशन तथा सभी को धन्यवाद देता हूँ।