नयी दिल्ली, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह संसद और संसद के बाहर इस संकट को लेकर कुछ बोलना नहीं चाहते और इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिससे साबित होता है कि वह मणिपुर में शांति बहाली नहीं चाहते हैं।
राहुलगांधी ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में जब विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे तो दो घण्टे 13 मिनट के भाषण में उन्होंने आखिर में मणिपुर पर अपनी बात रखी है। वह मणिपुर को लेकर कितना गंभीर है इस बात का पता भाषण के दौरान उनके हावभाव में साफ झलक रहा था। वह जब बोल रहे थे तो मुस्कुरा रहे थे, उनके चेहरे पर पीड़ा का भाव कहीं नहीं था। सदन में नारे लग रहे थे और इससे साबित होता है कि वह मणिपुर में शांति नहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि यह देख कर आश्चर्य होता है कि मणिपुर जल रहा है, वहां एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों की जान लेने पर उतारू हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर संसद में पुख्ता बात कहने की बजाय कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों और उनके नेताओं का नाम लेकर उन पर हमला कर रहे हैं, गठबंधन और उसमें शामिल दलों पर हमला कर रहे हैं लेकिन मणिपुर की समस्या को हल्के-फुल्के में लेकर इस मुद्दे पर गंभीरता से कोई बात नहीं कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को सोचना चाहिए कि वह किसी दल विशेष या क्षेत्र विशेष के नेता नहीं हैं बल्कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बोलते हैं तो बोलते समय उनकी बातों में प्रधानमंत्री का स्तर नहीं झलकता है। देश के नेता का जैसा हावभाव उनमें देखने को नहीं मिलता है। मणिपुर जैसे मुद्दे पर जब वह हल्की-फुल्की बात करते हैं और इस त्रासदी पर बोलते हुए हंसते हैं तो साफ हो जाता है कि वह मणिपुर को बहुत हल्के में ले रहे हैं, वहां शांति बहाल हो इस बारे में वह सोचते भी नहीं हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि वह करीब दो दशक से राजनीति में हैं लेकिन मणिपुर में जो कुछ हुआ है ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। वह मणिपुर गए तो उन्होंने वहां के लोगों की त्रासदी और हकीकत को देखा है और इसीलिए उन्होंने कहा कि मणिपुर की हत्या की जा रही है। वहां स्थिति को संभालने के लिए कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। एक समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों के हत्या करने के लिए हजारों हथियार लूट लेते हैं, सब कुछ मुख्यमंत्री के सामने हो रहा है लेकिन मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।