नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट पर देश के नाम संबोधन में कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और प्रत्येक भारतीय को सतर्क रहना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा। ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ’ मंत्र काम आ सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में एक भाव उभरा है कि सबकुछ ठीक है, यह मानसिकता ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि आप सड़कों पर घूमते रहेंगे, बाजारों में जाते रहेंगे, और स्थिति से बचे रहेंगे, यह सोच ठीक नहीं है। मुझे आपके कुछ हफ्ते, कुछ समय चाहिए।
कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी को रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प और संयम को आवश्यक बताया है। आज रात्रि राष्ट्र को संबोधित करते हुये उन्होने लोगों को सोशल डिस्टेन्सिंग को अपनाने की अपील करते हुए कुछ दिनों तक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करने का आग्रह किया है। उन्होने जनता से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे दिशा निर्देशो का पूरी तरह पालन करने की अपील की है।
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मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है न ही कोई टीका विकसित हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों से भी घर से बाहर न निकलने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 60 से उपर की आयु वाले लोग घरों से बाहर नहीं निकलें और बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकलें।
कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी को रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुये जनता कर्फ्यू का अह्वाहन किया। उन्होने कहा कि जनता कर्फ्यू का मतलब जनता द्वारा स्वयं पर बाहर न निकलने के लिये लगाया गया कर्फ्यू है। प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मार्च तक इसका पूर्णतया पालन करने की अपील की है। उन्होने कहा कि हम स्वस्थ तो सब स्वस्थ के नियम का पालन कर हम स्वयं को तथा दूसरों को इस महामारी से बचा सकतें हैं।