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पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का किया धन्यवाद….

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश वर्ष के अवसर पर भारतीय श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए करतारपुर गलियारा खोलने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी का अभिनंदन किया।

नरेन्द्र मोदी ने यहां पाकिस्तान की सीमा पर एकीकृत जांच परिसर का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाज़ी का भारत की भावनाओं का आदर करने के लिए अभिनंदन करता हूं।”उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश-उत्सव से पहले, इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना, हम सभी के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है।

गुरु नानक देव सिर्फ सिख पंथ और भारत की ही धरोहर नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा पुंज हैं।उन्होंने कहा कि इस गलियारे के बनने के बाद अब गुरुद्वारा दरबार साहब के दर्शन आसान हो जाएंगे। उन्होंने इसके लिए पंजाब सरकार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा तय समय में बनाने वाले हर श्रमिक साथी का आभार व्यक्त किया और कहा, “मैं आप सभी को, देश और दुनिया में बसे सभी सिख भाई-बहनों को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर हार्दिक बधाई देता हूं।”इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुरुद्वारा सुल्तानपुर लोदी जा कर मत्था टेका।

भारत और पाकिस्तान ने पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए एक समझौते के तहत 4.2 किलाेमीटर लंबे इस गलियारे का निर्माण किया है। श्री मोदी वहां जाने वाले पहले श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना करेंगे। इस जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कई अन्य गणमान्य हस्तियां शामिल हैं।भारत और पाकिस्तान ने इस गलियारे के संबंध में गत 24 अक्टूबर को हस्ताक्षर किये थे।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवम्बर 2018 को गुरू नानक देव की 550 वीं जयंती को धूमधाम से मनाने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था।सरकार ने करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक गलियारा बनाया है। इस पर 120 करोड़ रूपये की लागत आयी है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से आगे गलियारे का निर्माण पाकिस्तान की ओर से किया गया है।भारत ने अपनी सीमा में गलियारे पर 15 एकड़ में एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल बनाया है। इस टर्मिनल पर हर रोज 5000 यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है।

गलियारे से होकर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी द्वारा निगरानी की व्यवस्था है तथा जन सूचना प्रणाली लगाई गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है।दोनों देशों ने जो समझौता किया है उसके तहत सभी धर्मों को मानने वाले भारतीय और भारतीय मूल के श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं। यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। श्रद्धालुओं के पास केवल वैधानिक पासपोर्ट होना चाहिए। पाकिस्तान ने प्रतियात्री 20 डॉलर यानी करीब 1500 रुपए का शुल्क लगाया है।