नयी दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्षय तृतीया पर्व पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेने का आग्रह करते हुए रविवार को कहा कि कोविड -19 महामारी के इस संकट के इस दौर में छोटा-सा दान करने का प्रयास आस–पास के बहुत से लोगों के लिए बहुत बड़ा सम्बल बन सकता है।
श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दूसरे खंड की 11 वीं कड़ी में देशवासियों को संबोधित करते हुुए कहा कि अक्षय तृतीया पर्व का इस साल विशेष महत्व है। इस अवसर पर लोगों को अपने पर्यावरण, जंगल, नदियाँ और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के बारे में सोचना चाहिए। ये मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा, “ अगर हम ‘अक्षय’ रहना चाहते हैं तो हमें पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी धरती अक्षय रहे।” उन्होेंने कहा कि ‘क्षय’ का अर्थ विनाश होता है लेकिन जो कभी नष्ट नहीं हो, जो कभी समाप्त नहीं हो वह ‘अक्षय’ है। कोरोना महामारी के कठिन समय में यह एक ऐसा दिन है जो हमें याद दिलाता है कि आत्मा और भावना, ‘अक्षय’ है। यह दिन याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ रास्ता रोकें, चाहे कितनी भी आपदाएं आएं, चाहे कितनी भी बीमारियोँ का सामना करना पड़े – इनसे लड़ने और जूझने की मानवीय भावनाएं अक्षय है।
उन्होेंने कहा, “ माना जाता है कि यही वह दिन है जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण और भगवान सूर्यदेव के आशीर्वाद से पांडवों को अक्षय-पात्र मिला था। अक्षय-पात्र यानि एक ऐसा बर्तन जिसमें भोजन कभी समाप्त नही होता है। हमारे अन्नदाता किसान हर परिस्थिति में देश के लिए, हम सब के लिए, इसी भावना से परिश्रम करते हैं। इन्हीं के परिश्रम से, आज हम सबके लिए, गरीबों के लिए, देश के पास अक्षय अन्न-भंडार है। इस अक्षय-तृतीया पर हमें अपने पर्यावरण, जंगल, नदियाँ और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के बारे में भी सोचना चाहिए। अगर हम ‘अक्षय’ रहना चाहते हैं तो हमें पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी धरती अक्षय रहे।”