मथुरा , उत्तर प्रदेश के मथुरा में वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते लॉकडाउन में तैनात कोरोना योद्धाओं ने अपनी प्रभावी भूमिका के साथ मानवता की अनूठी मिशाल पेशकर लोगों का दिल भी जीत लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ0 गौरव ग्रोवर ने शुक्रवार को यहां कहा कि अवांछनीय तत्वों के प्रति भले ही पुलिस का रवैया सख्त रहता है लेकिन उनके द्वारा किये अच्छे काम तथा उनका व्यवहार समाज को दिशा भी देता है।
उन्होंने बताया कि पीआरवी 4191 पर तैनात आरक्षी नितिन मलिक को 29 अप्रैल को वाराहघाट के पास लाड़ली प्रसाद आश्रम वृन्दावन में एक 60 वर्षीय व्यक्ति उत्तम छात्रा के निधन की सूचना मिली। इसमें पुलिस से मदद करने का अनुरोध किया गया था। वह पायलट होमगार्ड रोहिताश के साथ तत्काल मौके पर पहुँचा।
डॉ0 ग्रोवर ने बताया कि वहां पर मृतक की विकलांग बेटी मोहिनी छा़त्रा ने आरक्षी को बताया कि कोई भी आम आदमी उसकी मदद को तैयार नही है और वह अपने पिता का अंतिम संस्कार करने की स्थिति में नही है। आरक्षी नितिन मलिक ने बताया कि इसके बाद इसकी सूचना उन्होंने कन्ट्रोल को दे दी थी।
उन्होंने बताया कि आरक्षी मलिक ने बताया कि लाकडाउन में मोक्षवाहन न मिलने के कारण उन्होंने एक ई-रिक्शा किया और उस व्यक्ति के शव को मांट के कच्चे पुल के पास वृन्दावन के शमशान घाट पर ले गए। इसके बाद अंतिम संस्कार की सामग्री लाकर उन दोनों ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए उसका अंतिम संस्कार रीति रिवाज से कर दिया। इसकी सूचना कनकधारा फाउन्डेशन को दे दी जिससे उस विकलांग लड़की की व्यवस्था की जा सके।