कबीर के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है भाजपा- मायावती
June 29, 2018
लखनऊ,कबीर की निर्वाण स्थली मगहर में प्रधानमंत्री के दौरे को राजनीति से प्रेरित करार देते हुये बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कवायद में श्री नरेन्द्र मोदी महान संत के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि लाेकसभा चुनाव नज़दीक आते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सन्त कबीर की याद आ रही है। यह वोट बैंक की राजनीति नहीं ताे आैर क्या है। सन्त कबीर अपनी वाणी और कर्मों से अमर हैं। वे लोगों के दिलों में वास करते हैं। भारतीय जनता पार्टी को उनके नाम पर सस्ती लोकप्रियता वाली राजनीति करने से बाज़ आना चाहिये।
उन्होंने कहा कि जनता ऐसे स्वार्थ की राजनीति को ख़ूब अच्छी तरह से समझने लगी है और वह ज़्यादा धोखा खाने को तैयार नहीं लगती है। पूर्वांचल के विकास के मामले में प्रधानमंत्री माेदी और योगी सरकार ने अभी तक जो भी काम किये हैं वे ऊँट के मुंह में ज़ीरे के बराबर हैं जबकि वायदा किया गया था कि केन्द्र एवं राज्य में भाजपा सरकार बन जाने पर विकास की गंगा बहा दी जायेगी तथा यहां के करोडों ग़रीबों, मज़दूरों किसानों, युवाओं के लिये आसमान से तारे तोड़ कर लाये जायेंगे तथा बेरोजगारों का पलायन रोका जायेगा।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसके विपरीत जनसामान्य के लिये कानून.व्यवस्था के साथ.साथ जनहित एवं विकास के हर मामले में हालात और भी ज़्यादा बदतर होते जा रहे हैंए जिससे जनता त्रस्त है।मायावती ने दावा किया कि उनकी सरकार के कार्यकाल में संत कबीर को पूरा सम्मान दिया गया। उनके नाम पर संत कबीर नगर के नाम से नया ज़िला बनाया गया।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल का समग्र विकास अलग राज्य बनाये बगैर सम्भव नहीं है जिसके सम्बन्ध में बसपा विधानसभा से पारित प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास लम्बित पड़ा हैए जिसके सम्बन्ध में मोदी सरकार को अब और देरी किये बिना तत्काल कार्यवाही करने की ज़रुरत है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मगहर में चुनावी स्वार्थ के लिये 24 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले श्श्संत कबीर अकादमी के शिलान्यास की आड़ में श्री मोदी ने पूर्वांचल की जनता के साथ छलावा किया है और उनकी आँखों में धूल झाेकने का प्रयास किया है। केवल अकादमी बनाने के लालीपाप से पूर्वांचल की करोड़ों गरीब आम जनता और मेहनतकश लोगों का हित कल्याण एवं विकास शताब्दियों तक सम्भव नहीं हो पायेगा।