लखनऊ, मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा गन्ना पर्ची निर्गमन की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति के तहत गन्ना माफियाओं पर अंकुश लगाने सम्बन्धी निर्देश दिये गये। जिस पर मंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, श्री सुरेश राणा द्वारा गन्ना कृषकों के हित में लिये गये सकारात्मक निर्णयों के फलस्वरूप गन्ना विकास विभाग द्वारा गन्ना कृषकों की सुचारू रूप से गन्ना आपूर्ति एवं पर्चियों में पूर्ण पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से प्रदेश में एकीकृत नई गन्ना प्रणाली अपनायी गई जिससे शासन की मंशानुरूप अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो सकें।
इस सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि विभाग में ई.आर.पी. प्रणाली लागू होने के बाद नोडल अधिकारियों को उनके आवंटित मण्डलों में भ्रमण एवं गन्ना किसानों से संवाद के दौरान किसानों द्वारा नोडल अधिकारियों से पर्ची निर्गमन व्यवस्था में पारदर्शिता और वेब पोर्टल बंदमनच.पद एवं म.ळंददं मोबाईल एप की भरपूर प्रशंसा की गयी। किसानों द्वारा बताया गया कि अब उन्हें समिति कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते और घर बैठे ही उन्हें सारी सूचनाएं सुलभ हो गयी हैं। मोबाईल पर समय से पूर्व ही उन्हें पर्चियों के बारे में सूचनाएं उपलब्ध हो जाती है।
किसानों ने नोडल अधिकारियों को यह भी बताया कि समितियों के सुदृढीकरण तथा पर्ची निर्गमन की व्यवस्था में प्रशासनिक सुधार से जहां किसान अब अपना पूरा समय खेतो को दे पाते हैं वहीं चीनी मिलें भी अब ‘‘गन्ना प्रबन्धन’’ पर अपना फोकस कर रही हैं। वेब पोर्टल और मोबाइल एप तथा एस.एम.एस. के आधार पर भी तौल की व्यवस्था होने तथा समितियों द्वारा पर्ची निर्गमन संबंधी कार्य मे सुधार के कारण बिचैलियों पर भी अंकुश लगा है। प्रदेश सरकार की डिजिटल प्रोत्साहन नीति को बढ़ावा देने वाली इस व्यवस्था की गन्ना किसानों द्वारा विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफार्मस पर भी प्रशंसा की जा रही है एवं गन्ना क्षेत्रों से सम्बन्धित जन प्रतिनिधियों द्वारा भी इस व्यवस्था की भरपूर सराहना की गई है।
आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि ई.आर.पी. व्यवस्था ने प्रदेश के लगभग 38.5 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को आई.टी. प्लेटफार्म पर लाकर तकनीक से जोड़ने का कार्य किया है। जिसमें अब तक लगभग 98 लाख बार किसानों द्वारा वेबसाईट पर अपने आंकड़ों का अवलोकन किया गया है। अब तक लगभग 6.50 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता कृषक सदस्यों द्वारा ष्म.ळंददंष् मोबाईल एप को अपने मोबाईल पर इंस्टाल किया जा चुका है।
गन्ना आयुक्त द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वह इस व्यवस्था का लाभ लेने के लिए ज्यादा से ज्यादा ष्म.ळंददंष् मोबाईल एप का इस्तेमाल करें। जिससे उन्हें उत्कृष्ट डिजिटल सेवाओं का लाभ प्राप्त हो सके तथा अनावश्यक भाग-दौड़ से मुक्ति के साथ पर्ची निर्गमन की इस एकीकृत एवं पारदर्शी व्यवस्था से उनके ताजे गन्ने की आपूर्ति चीनी मिलों को समय से हो सके।