उल्लेखनीय है कि देश के अन्य राज्यों में इस अपराध के लिए तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है। यदि गुजरात में चेन के छीन झपट और इस प्रक्रिया में पीड़ित को चोट पहुंचाने के अपराध में किसी को दोषी ठहराया जाता है, तो आपराधिक कानून (गुजरात संशोधन) विधेयक – 2018 के तहत उसे अधिकतम 10 साल कैद और 25,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ने हाल ही में इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा ने सितंबर 2018 में आईपीसी की धारा 379 में संशोधन कर दो उपबंध -आईपीसी 379 (ए) और 379 (बी) – जोड़े थे तथा इस तरह सख्त सजा का प्रावधान किया था। गुजरात के नये कानून के मुताबिक चेन छीन झपट की कोशिश करने पर आरोपी को न्यूनतम पांच साल और अधिकतम सात साल की कैद होगी। लेकिन अपराधी अपराध को अंजाम देते वक्त यदि भागने की कोशिश के दौरान किसी को चोट पहुंचाता है तो उसे 10 साल तक की कैद की सजा होगी।