देश में न्याय महंगा, फिर भी लोगों को न्यायप्रणाली पर विश्वास- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
February 15, 2018
कानपुर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश में न्याय प्राप्त करना महंगा होने के बावजूद हमारी न्यायप्रणाली पर लोंगों को बहुत विश्वास है। कोविंद आज यहां विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म कॉलेज में विधि भवन और पाठ्यक्रम का शुभारंभ समारोह में बोल रहे थें। उन्होंने कहा कि देश में न्याय प्राप्त करना जटिल और मंहगा होता जा रहा है, जो गरीबों पर भारी पड़ रहा है। इसके बावजूद हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी है कि लोगों को अभी भी उस पर विश्वास बना हुआ है। इस विषय पर हम सभी को सोचना होगा।
उन्होंने कहा कि अब लंबित मामलों को लेकर न्यायालय तेजी से कदम उठा रहें है। इसके साथ ही कानून की पढ़ाई करने वाले वकीलों को भी इस विषय पर सोचना चाहिये कि कम दामों पर लोगों को न्याय उपलब्ध करायें। राष्ट्रपति ने कहा कि कानून की पढ़ाई समाज एवं देश को नई दिशा देती है। हमारी आजादी में भी वकीलों का अहम योगदान रहा है। जिनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल एवं रायबहादुर जैसे कानूनविद शामिल थे। सभी स्वतंत्रता सेनानी बनने से पहले पेशे से वकील रहें हैं।
कोविंद ने कहा कि मैं खुद कानून का छात्र रहा हॅूं। उम्मीद करता हॅूं कि कानून की शिक्षा ग्रहण करने वाले समाज को नई दिशा देने का काम करेंगे। इस अवसर पर शहरवासियों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं भी दी।राष्ट्रपति ने बैरिस्टर नरेंद्रजीत सिंह स्मृति व्याख्यान में कहा कि हम सभी को प्रयास करना होगा कि न्याय प्रक्रिया में विलंब न हो। उन्होंने कहा कि निचली अदालतों में हिन्दी पर फैसले दिये जाते है पर उच्च न्यायालयों में फैसले अंग्रेजी में लिखे जाते हैं। जिससे पीड़ित अपने फैसले के विषय में सही से जानकारी नहीं कर पाता।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीस और मंच आसीन यतीन्द्र सिंह की बदौलत छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने फैसलों का हिंदी अनुवाद करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दो-चार माह में ही यह व्यवस्था सभी न्यायालयों में शुरू हो जाएगी।