प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय राजदूतों व उच्चायुक्तों को दी ये खास हिदायत
March 31, 2020
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व भर में तैनात भारतीय राजदूतों एवं उच्चायुक्तों को आज हिदायत दी कि वे काेरोना विषाणु की महामारी के बीच तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक एवं आर्थिक परिदृश्य पर पैनी नज़र रखें तथा प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद एवं सहयोग बनाये रखने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार, आपूर्ति और भुगतान सुचारु बनाये रखने के लिए सजगता से काम करें।
श्री मोदी ने यहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न देशों में मिशन प्रमुखों से संवाद किया और उन्हें पांच सूत्रीय निर्देश दिये।
विदेश मंत्रालय के अनुसार शाम पांच बजे हुई इस ई-बैठक में कोविड-19 महामारी को लेकर विश्व भर में हुई प्रतिक्रियाओं पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी मौजूद थे।
श्री मोदी ने अमेरिका, चीन, ईरान, इटली, जर्मनी, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, मालदीव और दक्षिण कोरिया में तैनात मिशन प्रमुखाें के विचारों एवं अनुभवों को भी सुना।
कूटनीतिक हलकों में प्रधानमंत्री के ये निर्देश अमेरिका एवं चीन के बीच कोविड 19 के प्रसार को लेकर शुरू हुए राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के मद्देनजर अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत के मिशन भले ही घर से दूर हों लेकिन वे कोविड-19 से खिलाफ देश की लड़ाई में पूरी तरह से भागीदार है। उन्होंने यह भी कहा कि देशवासियों की एकता और सतर्कता ही भारत के भविष्य की सुरक्षा में मददगार होगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि असाधारण समस्याओं के लिए असाधारण समाधान ढूंढने पड़ते हैं। वैश्वीकरण के युग में दुनिया का अधिकतर भाग ने खुद को क्वारेंटाइन कर लिया है। इस महामारी से मुकाबले के लिए यह अपरिहार्य कदम उठाना पड़ा है लेकिन इसका बहुत बड़ा दुष्प्रभाव भी हुआ है। संपूर्ण वैश्विक प्रणाली ठप हो गयी है जिसका अंतरराष्ट्रीय परिवहन, वित्त बाजारों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दूरगामी एवं व्यापक प्रभाव पड़ा है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत ने जनवरी मध्य से ही तत्परता से अभूतपूर्व कदम उठाये ताकि इस संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके और महामारी को बड़े पैमाने पर फैलने से रोका जा सके। इसी उद्देश्य से विश्व का सबसे बड़ा क्वारेंटाइन और लॉक डाउन भारत में लागू किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस संकट की घड़ी में विदेशों में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने में मिशन प्रमुखों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें पांच सूत्रीय निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ने पहला निर्देश यह दिया कि वे अपनी, अपनी टीम एवं परिवारों की सेहत और सुरक्षा को सुनिश्चित करें। दूसरा निर्देश यह था कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों की अनिश्चितता को देखते हुए वे विदेशों में रह गये भारतीयों के संपर्क में रहें और उनका मनोबल ऊंचा बनाये रखें और स्थानीय सरकारों से मिल कर उन देशों में रुकने एवं गुजर-बसर करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने में सहायता करें। उन्होंने तीसरा निर्देश दिया कि वे अपनी-अपनी तैनाती के देश में कोविड-19 से मुकाबले के लिए बेस्ट प्रेक्टिस, नवान्वेषण, वैज्ञानिक अनुसंधानों तथा मेडिकल उपकरणों की खरीद के स्रोतों की पहचान करें ताकि भारत उनका उपयोग कर सके। उन्होंने सलाह दी कि वे विदेशों से कोरोना से मुकाबले के लिए स्थापित पीएम केयर्स फंड में दान आकर्षित करने के लिए उसका समुचित प्रचार करें।
श्री मोदी ने कहा कि इस संकट का अर्थव्यवस्था पर असर हुआ है। इसलिए मिशन प्रमुख विदेशी साझीदारों के साथ समन्वय से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, लॉजिस्टिक चेन, भुगतान प्रणाली के निर्बाध एवं सुचारु रूप से काम करना सुनिश्चित करें। पांचवें निर्देश में उन्होंने कहा कि मिशन प्रमुख कोविड-19 के संदर्भ में तेजी से बदल रहे अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक एवं आर्थिक परिस्थितियों पर पैनी नज़र रखें।