नयी दिल्ली, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दरगाह अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 809वें वार्षिक उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजी गई चादर आज पेश की।
श्री नकवी ने कहा कि मुल्क में अमन, भाईचारे, सौहार्द और सभी की सेहत-सलामती की प्रार्थना के साथ आज दरगाह अजमेर शरीफ में ख्वाजा गरीब नवाज के 809वें उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री की चादर पेश की और बड़ी संख्या में उपस्थित समाज के सभी तबकों के लोगों को उनके सन्देश को पढ़कर सुनाया।
श्री मोदी ने अपने संदेश में कहा, “ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 809वें उर्स के उपलक्ष्य पर दुनिया भर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। यह वार्षिक उत्सव कौमी एकता और भाईचारे की खूबसूरत मिसाल है। उन्होंने कहा,“ विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों और उनसे जुड़ी मान्यताओं और आस्थाओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व विविधता से भरे हमारे देश की अद्भुत धरोहर है। इस धरोहर को सहेजने और मजबूत बनाने में देश के विभिन्न साधु-संतों, पीर और फकीरों का बहुमूल्य योगदान रहा है। ”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि, “ शांति और समरसता के उनके शाश्वत सन्देश ने हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को सदैव समृद्ध किया है। अपने सूफी विचारों से समाज में अमिट छाप छोड़ने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती हमारी महान आध्यात्मिक परंपराओं के आदर्श प्रतीक हैं। प्रेम, एकता, सेवा और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देते “गरीब नवाज” के मूल्य और विचार मानवता को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगें।” उन्होंने कहा, “ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स पर दरगाह अजमेर शरीफ पर चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और देशवासियों के सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं।”
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई, “ चादर” का वहां मौजूद लोगों ने पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री “ सूफी-संतों के संस्कार” और “ सुशासन के संकल्प ” से भरपूर “समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी सशक्तीकरण” की “प्रामाणिक शख्सियत” हैं। सहिष्णुता एवं सौहार्द ही भारत की संस्कृति और संस्कार हैं।
इस ताकत को कोई भी नकारात्मक साजिश नुकसान नहीं पहुंचा सकती।