नयी दिल्ली, कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन के साथ पुराने और गहरे संबंध होने के बावजूद चीन हमारी जमीन पर कब्जा करता है तथा लगातार आगाह किये जाने के बाद भी सरकार इस बारे में मौन रहती है तो इस चुप्पी की वजह देश को बतायी जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह जगजाहिर है कि श्री मोदी के संबंध चीन के साथ बहुत पुराने और बहुत गहरे भी है। श्री मोदी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के भी चीन तथा वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गहरे संबंध रहे हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी तथा अमित शाह ने इन संबंधों को और आगे बढ़ाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो चीन सहित कुछ देशों के शीर्ष नेताओं से उनसे गहरे संबंध थे। इन्हीं संबंधों के कारण श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए चार बार चीन की यात्रा गये थे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने 2014 में श्री मोदी की तारीफ करते हुए लिखा था कि चीन श्री मोदी के साथ काम करने में ज्यादा सहज महसूस करती है। यहां तक कि गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि चीनी कंपनियां चाहती हैं कि गुजरात में भाजपा जीते।
प्रवक्ता ने कहा कि चीन के कहने पर मोदी सरकार उसके अनुसार निर्णय लेती रही है। कुछ साल पहले चीन के कहने पर ही सरकार ने सीमा पर अपने बंकर हटाए और इस शर्त के पूरा होने के बाद ही चीन पीछे हटा। मतलब की भारतीय सीमा ने जो बंकर अपनी सीमा में बनाए थे, उनसे उन्हें चीन के कहने पर पीछे हटने को कहा गया। उन्होंने कहा कि डोकलाम में 73 दिन का गतिरोध रहा और फिर बातचीत के बाद दोनों सेनाएं पीछे हटी। इसके बावजूद चीन वहां लगातार निर्माण करता रहा लेकिन श्री मोदी कुछ नहीं बोले।