पेरिस , फ्रांस में हाल ही में पारित नए सुरक्षा कानून के खिलाफ देशभर में हुए प्रदर्शनों में कम से कम 37 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। देश के गृह मंत्री गेराल्ड दरमानिन ने बताया कि शनिवार को देश में नए सुरक्षा कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में 37 पुलिसकर्मी घायल हो गए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “शुरूआती आंकड़ों के अनुसार प्रदर्शनों के दौरान 37 पुलिसकर्मी तथा अन्य सुरक्षा बल घायल हो गए है। मैं एक बार फिर कानून प्रवर्तन के खिलाफ अस्वीकार्य हिंसा की निंदा करता हूं।”
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और माना जा रहा है कि इस हिंसा के पीछे वामपंथी गुट अंतिफा का हाथ है। अंतिफा के सदस्य आमतौर पर काले रंग के कपड़े पहनते है और प्रदर्शनों के दौरान हल्के हथियार भी ले जाते हैं। माना जाता है कि यह संगठन पुलिस बल जैसे संस्थानों के विरोधी होते हैं और वे पुलिस के खिलाफ इस दंगे में हल्की आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल करते हैं।
इस नए कानून में दरअसल पुलिस अधिकारियों और जेंडरकर्मियों (अन्य सुरक्षाकर्मी) की छवियों को नुकसान पहुंचाने और उनके प्रसार करने के खिलाफ एक साल की सजा और 45,000 यूरो के जुर्माना का प्रावधान है। इस कानून को लेकर पत्रकारों में भी असहमति देखि गई हैं और पूरे देश में इसको लेकर चर्चाएं हो रही है।
फ्रांस के निचले सदन में मंगलवार को यह कानून पारित किया गया था जिसके बाद से देश और विशेष रूप से पेरिस में प्रदर्शन हो रहे हैं। सरकार के अनुसार छवियों का वितरण संभावित रूप से पुलिसकर्मियों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान का कारण बन सकता है जिसे ध्यान में रखते हुए यह यह कानून बनाया गया है।