लखनऊ, पुष्पेन्द्र यादव का एनकाउण्टर नहीं हत्या हुई, पुलिस की कहानी पर किसी को भरोसा नहीं है। यह कहना अब केवल पुष्पेन्द्र यादव के परिवार या उसके गांव वालों का नही है बल्कि अब लगभग हर वह विपक्षी नेता की जबान पर यही बात है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज झांसी से 30 किलोमीटर दूर ग्राम करगुआ खुर्द थाना एरच स्थित
पुष्पेन्द्र यादव के आवास पर पहुंच कर पीड़ित परिवारीजनों से भेंट की और उन्हें सांत्वना दी।
पुष्पेन्द्र यादव की विधवा की शादी अभी तीन महीने पहले ही हुई थी। उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
परिवारीजनों से मिलने के बाद श्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसी को भी पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं है।
झांसी का पुलिस प्रशासन जो घटनाक्रम बता रहा है उससे कोई संतुष्ट नही है।
परिवार को भी उस पर भरोसा नही है। उन्होंने कहा यह एनकाउण्टर नहीं हत्या है।
श्री अखिलेश यादव ने विश्वास दिलाया कि पुष्पेन्द्र यादव के परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
समाजवादी पार्टी उनके दुःख में शामिल है और वह उनका साथ देगी।
श्री यादव इस बात से बहुत आक्रोशित थे कि पुलिस निर्दोषों की हत्या कर रही है।
कानून के रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं। जनता के नागरिक अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा जिस प्रदेश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री है वहां जनता को न्याय न मिले तो ताज्जुब हैं।
अखिलेश यादव के आने की खब़र पर पूरा गांव उन्हें देखने उमड़ पड़ा था।
आस पड़ोस के गांवो से भी बड़ी संख्या में लोग आए थे। इनमें हजारों नौजवान, महिलाएं, बूढ़े तथा बच्चे तक शामिल थे।
पुष्पेन्द्र का गांव बेतवा नदी के पास है। यहां लोग नारे लगा रहे थे कि पुष्पेन्द्र के हत्यारों को सजा मिले, पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
स्मरणीय है पुष्पेन्द्र यादव का 5 अक्टूबर 2019 को रात के अंधेरे में पुलिस ने एनकाउण्टर किया था।
पुलिस के इस कारनामें के खिलाफ क्षेत्र में व्यापक जन रोष है। पुलिस प्रशासन का रवैया हत्यारोपियों को बचाने का है।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि आरोपी एसओ पर 302 का केस दर्ज किया जाए।
घटना की हाईकोर्ट के माननीय सिटिंग जज से जांच कराई जाए।
जिसने हत्या की उसे जेल भेजा जाए। पुलिस दोषी है।
सबसे ज्यादा मानव अधिकार आयोग की नोटिसे उत्तर प्रदेश सरकार को मिली हैं।
हवालात में मौतें यहीं सबसे ज्यादा हुई है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है।