रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रायबरेली में स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (आरेडिका) में स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम के तहत दो अक्टूबर से कचरा प्रबंधन की शुरूआत की जायेगी।
आरेडिका के महाप्रबंधक विनय मोहन श्रीवास्तव ने बुधवार को यहां बताया कि स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आरेडिका में कचरा प्रबंधन की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने बताया कि आरेडिका के आवासीय परिसर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा प्रबंधन का कार्य औपचारिक रूप से दो अक्टूबर से प्रारभ्भ किया जायेगा। इस कचरा प्रबंधन के तहत सभी आवासों में गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग दो डस्टबिन में रखे जाने के लिये व्यवस्था की गई हैं। लोगो को इसके लिए प्रशिक्षित तथा जागरूक किया गया है।
महाप्रबन्धक ने कहा कि इस कचरा प्रबन्धन से आरेडिका को तो स्वच्छ बनाया ही जायेगा। इससे उत्पन्न होने वाले जैविक खादों से पौधों के विकास बहुत हीं उपयोगी होगी। कचरा प्रबंधन द्वारा प्रतिमाह दो से तीन टन जैविक खाद प्राप्त किया जा सकेगा जिसका उपयोग आवसीय परिसर को हरा-भरा करने के लिये लगाये गये पौधों व घास को विकसित करने में किया जायेगा।
उन्हाेंने बताया कि गीले एवं सूखे कचरे को अलग-अलग गाड़ियों द्वारा कचरा प्रबंधन स्थल तक लाया जायेगा। इसके अतिरिक्त हाॅर्टिकल्चर वेस्ट को अलग से एकत्रित कर कचरा प्रबंधन स्थल तक लाया जायेगा। एकत्रित किए गये दोनों प्रकार के कचरों से प्लास्टिक, सेनेटरीपैड, डाइपर, मेटल, काॅच आदि को अलग किया जायेगा। इसके पश्चात प्लास्टिक मेटल, काॅच इत्यादि को पुनःचक्रण के लिये प्रेशित किया जायेगा एवं सेनेटरी पैड डाइपर आदि को इनसिनरेटर के अन्दर जलाकर नष्ट किया जायेगा।
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि हार्टिकल्चर वेस्ट व बड़े आकार के अन्य कचरे को मशीन से काटकर एवं गीले कचरे के साथ मिलाकर माइक्रो कल्चर द्वारा डिकम्पोस्टिंग करके जैविक खाद बनायी जायेगी। रसोई घर से उत्पन्न होने वाला कचरा जैसे बचा हुआ भोजन, सब्जी/फलों के अवशेष, पूजा घरो के चढ़ावे का फूल, चायपत्ती, पेड़-पोधे व पत्तियाॅ, माॅस, मछली आदि गीले कचरे की श्रेणी में आते हैं।
इसी प्रकार लोहा, व अन्य धातुऐं, कागज व समाचार पत्र, प्लास्टिक की सामग्री, रबड़ व सिन्थैटिक जूतें, चमड़े की वस्तुऐं, पैकिंग की सामग्री आदि सूखे कचरे की श्रेणी में आते है। सूखा कचरा मुख्यतः पुनर्चक्रण के लिये प्रेषित किया जायेगा। यह कचरा प्रबंधन द्वारा पूरे आवासीय परिसर को स्वच्छ रखते हुए कचरे का प्रबन्धन एन.जी.टी. मानको के अनुसार किया जाना प्रारभ्भ किया जा रहा है।