नयी दिल्ली, लॉकडाउन के बाद से अगस्त तक के दौरान मालवहन एवं यात्री परिवहन से होने वाली रेलवे की आमदनी में 42 फीसदी से अधिक की गिरावट आयी है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आज लोकसभा को बताया कि कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में लगाये गये लॉकडाउन के बाद रेलवे की यात्री परिवहन सेवाएं रोकनी पड़ी। बाद में सीमित संख्या में ट्रेनें चलाई गई हैं। लॉकडाउन के बाद से अगस्त तक यात्रियों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मात्र 1.27 प्रतिशत रही। इस दौरान मालवहन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 86.6 प्रतिशत रहा।
श्री गोयल ने बताया “इस कारण रेलवे का यातायात से प्राप्त राजस्व अगस्त के अंत तक घटकर 41,844.31 करोड़ रुपये रह गया जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 42.3 प्रतिशत कम है।” उन्होंने बताया कि अब धीरे-धीरे ट्रेन सेवाएँ शुरू की जा रही हैं। गत 12 मई से 15 जोड़ी राजधानी स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। इसके बाद 01 जून से 100 जोड़ी और 12 सितंबर से अन्य 43 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। साथ ही 705 उपनगरीय रेल सेवाएँ भी 15 जून से शुरू की गई हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनें बंद होने के कारण 22 मार्च से 30 जून के बीच 1,77,59,579 टिकटों के रिफंड दिये जाने थे। इस मद में 2,381.03 करोड़ रुपये का रिफंड दे दिया गया है। अभी 855 टिकट के रिफंड दिये जाने बाकी हैं क्योंकि जिन बैंक खातों से ये टिकट बुक कराये गये थे वे खाते बंद हो चुके हैं। इन टिकटों का कुल रिफंड 10.07 लाख रुपये बनता है। आईआरसीटीसी रिफंड के लिए इन ग्राहकों से संपर्क कर रहा है।