हमीरपुर, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में पूरी तरह बरसात पर निर्भर होने से खेती के लिये पिछले साल की अपेक्षा इस साल बेहद कम बरसात होने से न केवल खरीफ की फसल सूखने लगी है बल्कि रबी की फसल की बोआई बिलंब से होने के पूरी तरह आसार उत्पन्न होने लगे है।
कृषि विभाग के उप निदेशक जे एम श्रीवास्तव ने गुरूवार को यहां बताया कि जिले
में तीन लाख हेक्टेएअर में खरीफ व चार लाख हेक्टेएअर में रबी की खेती की जाती है, बुन्देलखंड में कृषि पूरी तरह बरसात पर निर्भर है। यदि कम बरसात होती है तो न केवल खरीफ की फसल को हानि होती है बल्कि रबी की फसल बिलंब से बोयी जाती है जिससे फसल उत्पादन चालिस फीसदी घट जाता है।
पिछले साल वर्ष 2019 में 84.33 मिलीमीटर, वर्ष 2020 में 108.67 मिलीमीटर बरसात हुई है। इसी प्रकार वर्ष 2019 में जुलाई में 320.33 मिमी व जुलाई 2020 में 254 मिमी बरसात रिकार्ड की गयी है। वर्ष 2019 अगस्त में 353 मिलीमीटर, वर्ष 2020 अगस्त में 229 मिलीमीटर बरसात हुई है। सितम्बर में वर्ष 2019 में 228 मिलीमीटर व सितम्बर 2020में 11 मिलीमीटर बर्षा रिकार्ड की गयी है।
किसानों का कहना है कि सितम्बर में बरसात का सबसे ज्यादा भरोसा रहता है लेकिन दो सप्ताह बीत जाने के बाद नाममात्र की बरसात होने से खरीफ की फसल में ज्वार, उर्द, मुूंग,मूगफली, मक्का अरहर,तिल की फसल प्रभावित होनाशुरु हो गयी है। वही किसानों को चिंता सताने लगी है कि यदि सितम्बर में बरसात नही हुई तो अक्टूबर माह में रबी की फसल की बोआई कैसे होगी।
बुन्देलखंड में अक्टूबर में ही रबी की फसल की बोआई हो जाती है, यदि जमीन में नमी नही होगी तो रबी की फसल की बोआई संकट में पड़ सकती है क्योकि जिले में कृषि योग्य भूमि की सिर्फ चालिस फीसदी जमीन की सिचाई संभव हो पाती है। बाकी जमीन बरसात पर पूरी तरह निर्भर रहती है। सबसे ज्यादा राठ व गोहांड की हालत खराब बतायी जाती है क्योकि यहां पर सिचाई के संसाधनों का सबसे ज्यादा अभाव है।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष निरंजन सिंह राजपूत का कहना है कि खेतो में अभी से नमी कम होने लगी है यदि बरसात नही हुयी तो रबी की फसल का बीज बोने के बाद उग नही पायेगा। सिचाई विभाग के लघु डाल विभाग के अधिशासी अभियंता एस के त्रिवेदी व मौदहा बांध के अधिशासी अभियंता ए के निरंज का कहना है कि अक्टूबर में किसानों की सिचाई की डिमांड आती है उसी आधार पर सिचाई की तैयारी की जातीहै अभी तो बरसात का सीजन चल रहा है। आगे बरसात होने का इंतजार किया जा रहा् है, यदि सितम्बर माह में बरसात कमजोर हुई तो जल्दी ही सिचाई का प्रबंध करना होगा ताकि समय से सिचाई वाले स्थानों पर रबी की फसल की बोआई समय से हो सके।