राजस्थान विधानसभा चुनाव- जानिये क्या हैं राजनैतिक समीकरण ?

नई दिल्ली, चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पांचो राज्यों में वोटों की गिनती एक साथ 11 दिसंबर को होगी. इसी के साथ इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.

चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की है. इन पांचों राज्यों में से तीन राज्यों मे बीजेपी की और मात्र एक राज्य मे कांग्रेस की सरकारें हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ मे बीजेपी और मिजोरम मे कांग्रेस की सरकार है जबकि तेलंगाना मे तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) की सरकार है.

राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं.   2013 के विधानसभा चुनाव में, राजस्थान में बीजेपी 163 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई. बसपा को 3, NPP को 4, NUZP को 2 सीटें मिली थीं. जबकि 7 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.  बीजेपी का वोट प्रतिशत 46 प्रतिशत रहा था, जबकि, कांग्रेस 33 प्रतिशत वोट पाने में सफल रही थी.

राजस्थान में, इस बार भी मुख्य रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है. लेकिन मैदान मे बसपा, सपा, नेशनल पीपल्स पार्टी भी है. इन दलों के अलावा  घनश्याम तिवाड़ी की बीजेपी से बगावत कर अलग बनाई भारत वाहिनी पार्टी और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी अपने समर्थकों के साथ विधान सभा चुनाव में उतारने का मन बनाया है. राजस्‍थान विधानसभा चुनावों में यह ट्रेंड रहा है कि पांच साल के बाद सत्‍ताधारी दल को हार का सामना करना पड़ता रहा है.

राजस्थान में जाट मतदाता यूं तो 12 से 14 फीसदी ही है, लेकिन सबसे अहम है.  जाट वोट के अलावा गुर्जर और ब्राह्मण आबादी करीब 7 प्रतिशत है. अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या करीब 14% है, जिसमें आधी से ज्यादा अकेली मीणा जाति के हैं.

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