पाकिस्तानी पीएम हर दरवाजा खटखटा रहे और अपना मजाक उड़वा रहे- राजनाथ सिंह
September 28, 2019
मुंबई, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हर दरवाजा खटखटा रहे हैं और अपना मजाक उड़वाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूरी दुनिया में हर दरवाजा खटखटा रहे हैं और अपना मजाक उड़वाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
भारत की स्कॉर्पीन वर्ग की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को नौसेना में शामिल किए जाने के बाद रक्षा मंत्री ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत के तटीय क्षेत्र में मुंबई जैसे हमले दोबारा करना चाहती है लेकिन ‘हम ऐसा होने नहीं देंगे’।
उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान को यह समझने की जरूरत है कि भारतीय नौसेना आईएनएस खंडेरी के शामिल होने से पहले से ज्यादा मजबूत हुई है और सरकार सशस्त्र बलों को मजबूत तथा आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
सिंह ने कहा कि क्षेत्र में शांति बाधित करने वालों के खिलाफ नौसेना कड़ी कार्रवाई करेगी।
अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में आयोजित ‘हाउडी, मोदी’ पर रक्षा मंत्री ने कहा ‘‘इस कार्यक्रम ने विश्वशक्ति के रूप में उभरते हुए भारत को दिखाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने देखा कि कैसे प्रधानमंत्री का स्वागत अमेरिका के शीर्ष नेताओं ने खचाखच भरे स्टेडियम में किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमारी सरकार की क्षमता को माना।’’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर और भारत पर आधे समय तक भाषण दिए जाने पर सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किया जाना एक प्रगतिशील कदम है।
उन्होंने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर में हमारे प्रगतिशील कदम को वैश्विक तौर पर समर्थन प्राप्त हो रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री विश्व में हर दरवाजा खटखटा रहे हैं और अपना मजाक उड़वाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि हम आज अपनी सरकार के मजबूत इरादे और नौसेना में आईएनएस खंडेरी को लेकर अपनी मजबूत क्षमता के साथ उन्हें बड़े झटके देने में सक्षम हैं।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को अपने नौसेना पर गर्व है और कोई भी 1971 के युद्ध में नौसेना द्वारा दिए गए अभूतपूर्व योगदान को नहीं भूल सकता है जब ऑपरेशन ट्राइडेंट और ऑपरेशन पायथन ने पाकिस्तान की नौसेना की कमर तोड़ दी थी।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना की वजह से हाल के वर्षों में अरब सागर में लूटेरों की ओर से होने वाली लूट-पाट की घटनाओं में कमी आई है।
सिंह ने कहा, ‘‘ भारतीय नौसना हिंद महासागर के छोटे और बड़े देशों का विश्वास जीतना चाहता है। लेकिन कुछ ऐसी ताकते हैं जिनके कदम बुरे हैं।’’
भारत के पश्चिम तट पर मुंबई जैसे 26/11 जैसे हमले की आशंका है। लेकिन यहां इस तरह के षडयंत्र नहीं सफल होंगे। आज भारत और नौसेना के पास जो क्षमता और आत्मविश्वास है, वह हिंद महासागर क्षेत्र में किसी के पास नहीं है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ हम नौसेना को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अपने आधुनिक हथियारों के साथ नौसेना किसी भी शांति पसंद देश के लिए खतरा नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर के छोटे या बड़े सभी देशों में आत्मविश्वास की भावना लाना चाहती है।
सिंह ने कहा, ‘‘ कुछ ऐसी ताकतें हैं, जिनके इरादे बुरे हैं। वे भारत के समुद्री रास्तों का इ्स्तेमाल करते हुए तटीय क्षेत्रों में मुंबई जैसे 26/11 हमले करने की साजिश रच रही हैं। उनकी इच्छा कभी पूरी नहीं होने दी जाएगी।’’
आईएनएस खंडेरी के नौसेना में शामिल होने पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह भारत के लिए बेहद गर्व की बात है क्योंकि वह दुनिया के कुछ ऐसे देशों में शामिल हो गया है जो अपनी पनडुब्बी स्वयं बना सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं नौसेना और पश्चिमी नवल कमान को इस सक्षम पनडुब्बी और नौसेना में शामिल होने से पहले अभियान संबंधी तैयारियों के मामले में उच्च स्तर हासिल करने के लिए बधाई देता हूं।’’
अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस खंडेरी स्वदेश निर्मित दूसरी कलवरी वर्ग का डिजल-बिजली से चलने वाला पनडुब्बी है। आने वाले वर्षों में इस तरह के चार और पनडुब्बी नौसेना में शामिल होने वाले हैं। पहली कलवरी पनडुब्बी 2017 में नौसेना में शामिल हुई थी।
उन्होंने बताया कि पनडुब्बी खंडेरी में चालक दल के लिए 36 सदस्यों की जरूरत होती है जबकि पहले 60 सदस्यों की जरूरत होती थी। इससे ऑक्सीजन बचेगा और पनडुब्बी अधिक समय तक पानी के भीतर रह सकेगी।
अधिकारियों ने बताया, ‘‘ एक बार में पनडुब्बी 45 दिन तक समुद्र में रह सकता है लेकिन प्रत्येक 48 घंटे के बाद वायु शुद्धीकरण के लिए इसका सतह पर आना अनिवार्य है।’’
एमडीएल और फ्रेंच कंपनी नवल समूह (पहले इसे डीसीएनएस के नाम से जाना जाता था) संयुक्त रूप से स्कॉर्पीन वर्ग के पनडुब्बियां बना रहे हैं। इनके बीच 2005 में अनुबंध पर हस्ताक्षर हुआ था।
स्कॉर्पीन या कलवरी वर्ग की पनडुब्बियां कलवरी, खंडेरी, करंज, वेला, वगीर और वाग्शीर है।