नयी दिल्ली, वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता राजनाथ सिंह ने कृषि सुधार से संबंधित दो विधेयकों को आज राज्यसभा में पारित किये जाने के दौरान विपक्ष के आचरण को बेहद शर्मनाक करार देते हुए कहा कि यह परंपरा लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है।
राज्यसभा में इन विधेयकों को पारित कराने के तरीके पर उप सभापति हरिवंश को लेकर विपक्ष के कड़े रूख के बाद उनके बचाव में उतरी भारतीय जनता पार्टी और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने एक स्वर में विपक्ष की आलोचना की।
विपक्षी दलों ने उप सभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दिये जाने की बात कही जा रही है। श्री सिंह ने संसदीय कार्य मंत्री पृह्लाद जोशी, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, रेल मंत्री पीयुष गोयल , राज्यसभा में सदन के नेता थावरचंद गेहलोत और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
श्री सिंह ने कहा कि आज संसद में किसानों के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा। कृषि सुधार संबंधी विधेयक पारित होने के साथ ही अब किसान बिचौलियों के चंगुल से मुक्त होकर जहां चाहें अपनी मर्जी की कीमत पर अपनी उपज को बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। साथ ही जो किसान मंडी में बिक्री करना चाहेंगे उनके लिए एमएसपी की व्यवस्था भी जारी रहेगी।
उन्होंने कहा , “ विधेयकों पर चर्चा हुई लेकिन इनके पारित होने पर विपक्ष ने जो आचरण प्रस्तुत किया वो बेहद शर्मनाक था। सदन का आसन सर्वोच्च होता है। सदन की परंपरा है कि आसन पर कोई प्रश्न नहीं उठाया जाता और उसके नियमों को सभी सदस्य मानते हैं। लेकिन आज विपक्षी दलों द्वारा राज्यसभा में संसदीय इतिहास का एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य करते हुए आसन के ऊपर हमला किया गया। आजतक भारत के संसदीय इतिहास में कभी नहीं हुआ था कि आसन के सामने सदन की नियम पुस्तिका को फाड़ा गया हो, माइक को तोड़ा गया हो, आसन से लेकर बिल की कॉपी को फाड़ा गया हो और आसन की मेज पर चढ़कर अशोभनीय हरकतें की गई हों, लेकिन आज ये सब हुआ। यह परंपरा लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। इसके साथ ही ऐसा करने के पीछे मौजूद मानसिकता भी खतरनाक है। ”