दलित मुद्दों पर रामगोपाल यादव ने न्यायपालिका को खींचा, कहा-तीसरे सदन के तौर पर काम कर रहा सुप्रीम कोर्ट
August 10, 2018
नयी दिल्ली, दलित मुद्दों की अनदेखी को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने न्यायपालिका को कटघरे मे खड़ा किया ? उनहोने कहा कि तीसरे सदन के तौर पर सुप्रीम कोर्ट काम कर रहा है।
राज्यसभा में अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां ;अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने न्यायपालिका पर जबर्दस्त हमला किया। उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय अभी तीसरे सदन के तौर पर काम करने लगा है और अब कानून भी न्यायपालिका ही बनाने लगी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय से जुड़े जनहित याचिकाओं की सुनवाई करने वालों में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के न्यायाधीश होने चाहिए।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि दलित मुद्दे पर केन्द्र सरकार की मंशा सही नहीं है क्योंकि उसने अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां ;अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को कमजोर किये जाने के स्थान पर अध्यादेश नहीं लायी। कांग्रेस सदस्य कुमारी सैलजा ने चर्चा के दौरान कहा कि हाल के वर्षाें में दलितों के विरूद्ध अपराध में वृद्धि हुयी है और भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में इस तरह की अधिक घटनायें हो रही है।
उन्होंने मोदी सरकार के दलित हितैषी होने पर सवाल उठाते हुये कहा कि इस विधेयक को सही मंशा से क्या लाया गया है । इसको संविधान की नौंवी सूची में शामिल किया जाना चाहिए था ताकि कोई इसको चुनौती नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ दबाव में ही काम करती है और अपनी ओर से कुछ नहीं करती है। हर मुद्दे पर जब दवाब बनता है तब यह सक्रिय होती है।
इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने इस विधेयक को सदन में पेश करते हुये कहा कि उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय से यह कानून कमजोर हुआ है। इस कानून को मजबूत बनाने एवं दलित एवं आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है।