राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकतन्त्र को मजबूत बनाने के लिए दिया खास संदेश
August 14, 2019
नयी दिल्ली, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकतन्त्र को मजबूत बनाने के लिएए संसद और विधानसभाओं में आदर्श कार्य.संस्कृति का उदाहरण पेश करने के लिए कहा है ताकि निर्वाचित सदस्य अपने मतदाताओं के विश्वास पर खरे उतरें। श्री काेविंद ने आज 72 वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबाेधन में यह आह्वान करते हुए कहा कि हाल ही में सम्पन्न संसद सत्र में लद्दाख को नया केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने ए तीन तलाक पर रोक लगाने संबंधी कानून बनाने और सूचना के अधिकार संशोधन कानून से लोगों के अधिकार मिल सकेंगे और राष्ट्र.निर्माण का काम सुदृढ होगा ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के इस अभियान में हर संस्था और हितधारक को एक.जुट होकर काम करने की आवश्यकता होती है। एक.जुट होकर आगे बढ़ने की इसी भावना के बल पर हमें स्वाधीनता प्राप्त हुई थी। मतदाताओं और जन.प्रतिनिधियों के बीचए नागरिकों और सरकारों के बीचए तथा सिविल सोसायटी और प्रशासन के बीच आदर्श साझेदारी से ही राष्ट्र.निर्माण का हमारा अभियान और मजबूत होगा। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 150 वे जयंती वर्ष में याद करते हुए कहा कि गांधीजी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले ही कर लिया था।
गांधीजी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन हमेशा बना रहे। उन्होंने पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पर ज़ोर दिया और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जीने की शिक्षा भी दी। वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गांधीजी के विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं। अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देशवासियों का जीवन बेहतर बनाया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर देना भी गांधीजी की सोच के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि 2019 का यह साल, गुरु नानक देवजी का 550वां जयंती वर्ष भी है। वे भारत के सबसे महान संतों में से एक हैं। मानवता पर उनका प्रभाव बहुत ही व्यापक है। सिख पंथ के संस्थापक के रूप में लोगों के हृदय में उनके लिए जो आदर का भाव हैए वह केवल हमारे सिख भाई.बहनों तक ही सीमित नहीं है। भारत और पूरी दुनिया में रहने वाले करोड़ों श्रद्धालु उन पर गहरी आस्था रखते हैं।