नई दिल्ली, दुनिया के अंत की कई भविष्यवाणियां सामने आ चुकी हैं। अब एक बछिया के जन्म को लेकर दुनिया के शीघ्र अंत का दावा किया जा रहा है। इजरायल में जल्द ही दुनिया के अंत का संकेत करने वाली रहस्यमयी लाल बछिया के पैदा होने की चर्चा है। माना जा रहा है कि 2000 सालों में पहली बार इजरायल में लाल बछिया अवतरित हुई है। लाल बछिया की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिससे लोगों में दहशत है।
लोगों में यह आशंका घर करने लगी है कि परस्पर शत्रु देशों की सेनाएं एक दूसरे के खिलाफ भिड़ने की तैयारी में हैं और जल्द ही दुनिया का खात्मा हो जाएगा। ईसाई और यहूदी, दोनों के ही धर्म ग्रंथों के मुताबिक लाल बछिया का धरती पर पैदा होना दुनिया के सर्वनाश का संकेत है।
हालांकि येरूशलम स्थित टेंपल इंस्टीट्यूट की ओर से कहा गया है कि नवजात बछिया का गहन परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के बाद विशेषज्ञ बताएंगे कि बछिया पूरी तरह लाल है या नहीं। बताया जा रहा है कि देवदूत को ईश्वर ने बताया था कि पहली लाल गाय के पैदा होने के साथ ही दुनिया का विनाश हो जाएगा।
बछिया के पैदा होने की घोषणा खुद टेंपल इंस्टीट्यूट ने यूट्यूब पर की है और यह भी बताया है कि बछिया का परीक्षण जारी है। यदि बछिया में कोई खामी नहीं पाई गई तो इंस्टीट्यूट घोषित करेगा कि दुनिया के समक्ष बाइबिल की सत्यता को एक बार फिर बहाल करने का वादा पूरा हो गया है।
ईसाईयों और यहूदियों में दुनिया के अंत से जुड़ी भविष्यवाणियों में लाल गाय सबसे महत्वपूर्ण चीज है। बाइबिल में कहा गया है कि धरती पर एक पूर्ण रूप से लाल बछिया के जन्म लेने का मतलब है कि यहूदी मसीहा ने जन्म ले लिया है। इसके बाद मानव को अंतिम फैसले का सामना करना पड़ेगा। जो भी व्यक्ति नैतिकता और भगवान में विश्वास करने वाला होगा उसको अपना नाम ‘जीवन की किताब’ में दर्ज कराने का अधिकार होगा यानी वह जिंदा रहेगा। लेकिन जिनका नाम इस किताब में नहीं होगा उनको आग की दरिया में फेंक दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि लाल बछिया की बलि देने के बाद येरूशलम स्थित माउंट मोरिया पर तीसरे टेंपल का निर्माण किया जा सकता है। टेंपल इंस्टीट्यूट समेत दुनिया भर के अन्य संगठन माउंट मोरिया पर तीसरा टेंपल बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। लेकिन तीसरा टेंपल तभी बनेगा जब वहां पहले से मौजूद चीजों को ध्वस्त किया जाए। कट्टरपंथी यहूदियों के मुताबिक टेंपल को दोबारा बनाया गया तो दुनिया में यहूदी मसीहा अवतरित हो जाएंगे। यह रहस्यमयी घटना उस तथ्य की याद दिलाती है जिसे ईसाई ‘द रैपचर’ कहते हैं। माना जाता है कि द रैपचर की स्थिति में सभी ईसाई श्रद्धालु (मृत और जीवित) आकाश में पहुंचकर प्रभु ईसामसीह के साथ रहने लगेंगे।