नयी दिल्ली, देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है तथा इसके संक्रमितों की संख्या 32 हजार के करीब पहुंच गयी है लेकिन राहत भरी बात यह है कि पीड़ितों के स्वस्थ होने की दर बुधवार को बढ़कर 24.52 प्रतिशत हो गयी जो मंगलवार को 23.44 फीसदी थी।
देश में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर सोमवार को 22.53 फीसदी थी जबकि पिछले शनिवार को यह 20.88 फीसदी थी। यह दर वैश्विक महामारी से जूझ रहे विश्व के कई देशों की तुलना में काफी बेहतर है।
राहत की एक और बात यह है कि संक्रमितों में मृत्यु दर 3.1 फीसदी पर ही बनी हुयी है। बुधवार को मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 24.52 फीसदी हो गयी जबकि रोगियों की मृत्यु दर पहले की तरह 3.1 प्रतिशत पर ही बनी हुई है।
देश में मंगलवार शाम से अब तक 1813 नये मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 32 हजार के करीब पहुंच गयी तथा इसके कारण 71 लोगों की मौत होने से मृतकों की तादाद 1008 हो गयी है।
देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के अब तक कुल 31787 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 111 विदेशी मरीज शामिल हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोग तेजी से स्वस्थ होने लगे हैं और पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 770 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 7797 तक पहुंच गयी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि पिछले तीन दिनों में देश में कोरोना के मामले दोगुने होने की दर बढ़कर 11.3 दिन हो गई है जो कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के केन्द्र सरकार के प्रयासों को दर्शाता है। कोरोना वायरस के प्रकोप से मरने वालों का वैश्विक औसत जहां सात प्रतिशत है वहीं यह भारत में मात्र तीन प्रतिशत है तथा इसमें 86 प्रतिशत मामले अन्य बीमारियों से जुड़े रहे हैं।
गौरतलब है कि लॉकडाउन से पहले देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के दोगुना होने की दर 3़ 2 दिन थी। डॉ हर्षवर्धन ने बुधवार को देश के लायंस क्लब इंटरनेशनल के वालंटियर और पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि देश में कोरोना वायरस से जितनी मौतें हुई हैं उनमें मरीजों को अन्य बीमारियां थी जिन्हें चिकित्सा भाषा में ‘को-मोर्बिडिटी’ कहा जाता है।
उन्होंने बताया कि इस समय देश में 0.33 प्रतिशत मरीज वेंटीलेटर पर हैं और 1.5 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्ट तथा 2.34 प्रतिशत मरीज आईसीयू में है जो देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का परिचायक है। अगर किसी तरह की कोई और स्थिति उत्पन्न होती है तो हमारे यहां आइसोलेशन बेड, वेंटीलेटर, पीपीई और मॉस्क की पूरी तरह से उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में इस समय 288 सरकारी और 97 निजी क्षेत्र की प्रयोगशालायें कोरोना वायरस की जांच में लगी हुई हैं और रोजाना 60 हजार परीक्षण किए जा रहे हैं। अगले कुछ दिनों में सरकार इसे बढ़ाकर एक लाख टेस्ट प्रतिदिन करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश और विदेशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनने का काम जारी है और इसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन फिलहाल कोरोना से बचने का एक मात्र तरीका लॉकडाउन और सामाजिक दूरी है और ये दोनों की ‘सामाजिक वैक्सीन’ हैं। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय कईं नवाचार परियोजनाओं पर काम कर रहा है जिनसे जांच प्रकिया में और तेजी लाई जा सकेगी।