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प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता ओलिंडा परेरा का निधन

मंगलुरु , प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्कूल ऑफ सोशल वर्क की पूर्व प्राचार्या डॉ. ओलिंडा परेरा का रविवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष की थी।

महात्मा गांधी शांति पुरस्कार से नवाजी गई डॉ. परेरा ने विभिन्न राज्यों में महिला शिक्षा और विकास को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कर्नाटक, भारत और विदेशों में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है।
डॉ. परेरा का जन्म 15 अगस्त 1925 में हुआ था। उन्होंने सेंट एग्नेस कॉलेज मंगलूरु से स्नातक तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा ली थी और मैसूर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की थी।

डॉ. परेरा वर्ष 1961 में स्कूल ऑफ सोशल वर्क के संस्थापक प्राचार्य रही थी, जहां स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की शिक्षा दी जाती है। सोशल वर्क के पाठ्यक्रम की शिक्षा देले वाला यह कर्नाटक में पहला संस्थान था। उन्होंने पूरे देश में हजारों छात्रों को समाज सेवा के लिए प्रेरित किया। अपनी दूरदर्शिता, दूरदृष्टि और दृढ संकल्प से उन्होंने महिलाओं और बच्चों में बढ़ावा देने में बहुत योगदान दिया है।

डॉ परेरा ने केन्या की राजधानी नैराबी में एक प्रशासक के रूप में काम किया और कनाडा के हेमिल्टन में मार्क मास्टर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में काम किया। उन्हाेंने शहर सामुदायिक विकास केंद्र, परिवार कल्याण संगठन, उल्लाल में बालविहार और मंगलुरु में कई अन्य संगठनों की भी शुरुआत की थी। उन्होंने अपने सामाजिक सेवा संगठन ‘विश्वास’ की वर्ष 1999 में शुरुआत की जिसके माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों की मदद की जाती है।

उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर और देखभाल केन्द्र की शुरूआत की। उन्होंने मंगलुरु से 15 किलोमीटर दूर पेरमाई में एक आधुनिक वृद्धाश्रम परिसर स्थापित किया। उन्हें वर्ष 2002 में सोशल सेवा के लिए महात्मा गांधी शांति पुरस्कार, वीरा रानी अब्बाक्का पुरस्कार, संदेश पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया और वर्ष 2009 में मंगलुरु विश्वविद्यालय में वूमेन ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया था।