लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल में गिरावट और प्रवेश मे मनमाने रवैये को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने आज उत्तर प्रदेश के राज्यपाल महामहिम रामनाईक को ज्ञापन देकर पर चिंता जाहिर की । समाजवादी प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से लोकतांत्रिक अधिकारों को मान्यता दिलाने की अपील की।
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समाजवादी पार्टी द्वारा राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है राज्य में इन दिनों छात्रों व छात्राओं को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। शासन-प्रशासन की कुनीतियों के चलते नौजवानों में हताशा और कुंठा व्याप्त हो रही है। रोजगार का संकट है। उनके भविष्य को अंधेरे में ढकेला जा रहा है। विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन में बाधाए उत्पन्न की जा रही हैं और अंधाधुंध फीस वृद्धि पर कोई रोक नहीं लग रही है। विश्वविद्यालयों में छात्रसंघों के चुनाव नहीं होने से युवाओं में असंतोष है। इन चुनावों को रोकने का कोई औचित्य नहीं है।
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ज्ञापन में कहा गया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय में घट रही घटनाएं निराशा पैदा करती हैं। शैक्षणिक माहौल बाधित हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी पैमाने पर खरा उतरने वाले 28 छात्र-छात्राओं को राग-द्वेष के आधार पर विश्वविद्यालय में प्रवेश देने से इंकार कर दिया है इससे छात्रों का भविष्य खराब होगा। राजनीतिक छुआछूत के आधार पर कार्यवाही से युवकों में असंतोष है।
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राज्यपाल से समाजवादी नेताओं ने मांग की है कि वह हस्तक्षेप कर मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं को तत्काल प्रवेश दिलाएं, जिन निर्दोष छात्र-छात्राओं को जेल भेजा गया है, उन पर लगाए गए फर्जी मुकदमें वापस हों और विश्वविद्यालय में सभा, सेमीनार, परिचर्चा आदि पर प्रतिबंध नहीं लगे।
समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि विश्वविद्यालय में छात्रों के जनतांत्रिक अधिकार सुरक्षित हों, पढ़ाई का शान्तिपूर्ण माहौल बने और भेदभाव तथा अन्याय किसी के साथ नहीं हो-साथ ही राजभवन से भाजपा सरकार की निष्क्रियता और राग-द्वेषपूर्ण आचरण के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही हो।