लखनऊ, लैब टेक्निशियन संजीत यादव का किडनैप उसके ही दोस्तों ने कानपुर में बीते 22 जून को किया था।तीन महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस संजीत की लाश को बरामद नहीं कर सकी है। न ही पुलिस के हाथ एक भी सबूत लगे हैं।
संजीत यादव हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने बीते 24 जुलाई को किया था। गुडवर्क के लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस संजीत की लाश को बरामद नहीं कर सकी है। न ही पुलिस के हाथ एक भी सबूत लगे हैं। संजीत का ड्यूटी बैग, फिरौती वाला बैग, संजीत का मोबाइल, फिरौती बैग में रखा गया मोबाइल फोन और जिस रस्सी से संजीत का गला घोटा गया, एक भी साक्ष्य पुलिस को नहीं मिले हैं। पुलिस के हाथ अब तक खाली है। संजीत के परिवार ने इस खुलासे पर भी सवाल उठाए थे। संजीत के परिवार को इस बात की चिंता है कि सबूतों के अभाव में हत्यारोपियों को इसका फायदा मिल सकता है।जबकि इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। संजीत के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की थी। योगी सरकार ने परिवार को सीबीआई जांच कराने का आश्वासन दिया था और सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की थी। लेकिन सीबीआई की तरफ से कोई जवाब न आने पर संजीत का परिवार मायूस है। संजीत की बहन का कहना है, ‘हमें सीबीआई जांच का आश्वासन दिया गया था। हमें धोखे में रखा गया कि इस मामले की जांच सीबीआई करेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगर सीबीआई जांच नहीं हुई तो मौत का रहस्य नहीं खुल पाएगा।’