शिमला, हिमाचल प्रदेश में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की अब नियमित कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। इन विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लगेंगी। इसके साथ ही कॉलेजों में भी दो नवंबर से शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। प्रथम, द्वितीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी।
यूजीसी के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार ने केंद्र सरकार की एसओपी के अनुसार अभिभावकों के सहमति पत्र पर ही विद्यार्थियों को स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश देने की शर्त अभी बरकरार रखी है। इसके अलावा केंद्र सरकार की एसओपी का पालन करते हुए विद्यार्थियों के बीच पर्याप्त शारीरिक दूरी बनाए रखने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश देने का फैसला लिया गया है।
वहीं, प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के करीब 60 हजार विद्यार्थियों को सरकार ने बिना परीक्षाएं लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला ले लिया है। कैबिनेट शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रमोट किए जाने वाले विद्यार्थियों की बीते साल की परीक्षा के 50 फीसदी अंकों, वर्तमान सत्र की आतंरिक परीक्षा के 30 फीसदी और शिक्षकों की असेसमेंट के 20 फीसदी अंकों के आधार पर कुल अंक दिए जाएंगे। अगर कोई विद्यार्थी इन अंकों से नाखुश रहता है तो वो अगले साल पुरानी कक्षा की परीक्षाएं देकर अपने अंकों में सुधार ला सकता है।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर सेवाएं दे रहे आईटी शिक्षकों का मानदेय 1 अप्रैल, 2020 से 10 प्रतिशत बढ़ाने को मंजूरी प्रदान की। इस निर्णय से 1345 आईटी शिक्षक लाभान्वित होंगे। प्रारम्भिक और उच्च शिक्षा विभागों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया है।