वरुण गांधी सुलतानपुर में तीन दिवसीय दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी के कामकाज से परहेज रखा. साथ ही इशारों ही इशारों में सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे बाबा होना चाहिए था.
वरुण गांधी जनसभा को संबोधित करते हुए बीच-बीच में चुटकी लेते भी नजर आये. उन्होंने इशारों ही इशारों में जयसिंहपुर विधानसभा के सेमरी बाजार की जनसभा में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे तो बाबा होना चाहिए था. हमारा आध्यात्मिक विचार इतना अच्छा है हमें खुद ही नहीं पता था. वरुण ने कहा कि जीवन किसी मकान-दुकान को नहीं कहते, जो दिल के अंदर है जीवन उसे कहते हैं. जितना आप लोगों के सीनों में घुसेगें उतना आपको लगेगा कुछ हमारी भी कमाई हुई है.
लालू यादव पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं ईमानदारी के साथ कह सकता हूं के मैं राजनीति में सच्चाई के साथ हूं, किसी को चोट पहुंचाने के लिए, किसी को नीचा दिखाने के लिए और किसी को तंग करने के लिए नहीं. वरुण सवाल करते हुए कहा कि मैं 4 साल से सांसद हूं, क्या मैंने एक भी आदमी को सुल्तानपुर में बुरा-भला कहा? जिसके जवाब में लोगों ने कहा नहीं.
इस दौरान उन्होंने मंच पर मौजूद एक बाबा के साथ खुद सेल्फी भी लिया और मंच से ही कहा यहां हमारे बाबा जी बैठे हैं. अगर बाबा जी का ‘चेला’ न हो तो बाबा जी किस काम के. वरुण गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद जब उनके इर्द-गिर्द लोगों ने उनकी महानता के बारे में आवाज उठाई तभी तो देश दुनिया को पता चला. वरुण गांधी ने कहा कि राजनीति का मतलब पद प्राप्त करना नहीं है, पद तो आएंगे-जाएंगे. लेकिन राजनीति का मतलब है लोगों की दुआ प्राप्त करना.