नई दिल्ली, देश की न्याय पालिका से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने चौंकाने वाला सवाल किया है ? उन्होने कहा कि डिलीवरी ऑफ जस्टिस क्या एसेंशियल नहीं है, कहने को हम कहते हैं कि बिजली एसेंशियल, खाना-पीना एसेंशियल तो क्या जस्टिस डिलीवरी सिस्टम एसेंशियल नहीं है?
कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका से मांग की है कि न्यायिक व्यवस्था को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल किया जाये। उनकी दलील थी कि न्याय को रोका नहीं जा सकता। देश में जनता को न्याय के लिये भटकना पड़ रहा है।
लगभग एक महीने से अधिक लॉक डॉउन घोषित होने के बाद से देश में न्याय पालिकायें पूरी तरह रुक गयी हैं। सिब्बल का मानना था कि छोटी अदालतों से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक लोगों को उसी तरह सेवायें मिले जैसे बिजली ,पानी जैसी आवश्यक सेवायें प्राप्त होती हैं।