लखनऊ, उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई वाले गठबंधन के घटक दलों में आपसी खींचतान शुरु हो गयी है।
इस क्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसापा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने विधान सभा चुनाव के बाद पहली बार सपा से गठबंधन करने को अपनी भूल बताते हुए कहा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ और इसी का नतीजा है कि विधान सभा में सपा को विपक्ष में बैठना पड़ा है।
शिवपाल ने बुधवार को प्रसपा के पदाधिकारियों बैठक भावी राजनीतिक रणनीति पर विचार मंथन करते हुए ऐलान किया कि पार्टी अपने पूर्व के अनुभवों से सबक लेते हुए आसन्न स्थानीय निकाय का चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
प्रसपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक शिवपाल यादव की अध्यक्षता में हुई।
पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार बैठक में प्रसपा नेताओं को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा, “पिछले कुछ महीने मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था। यह राजनीतिक धैर्य, त्याग, आत्मसंयम और समाज की उम्मीदों की परीक्षा थी।” उन्होंने कहा, “आप सभी की भावनाओं और जनभावना का सम्मान करते हुए मैने खुले दिल से सपा के साथ गठबंधन किया था, उसके प्रतिउत्तर में हमारे साथ विश्वासघात हुआ। इस घात का परिणाम यह है कि आज सपा विपक्ष में बैठी है।”
उन्होंने कहा कि प्रसपा प्रगतिशील समाजवाद व समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी। राम के नाम पर विभाजन व नफरत की राजनीति की इजाजत किसी को नहीं है।