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समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह को दिया साथ आने का, ये बड़ा आफर

लखनऊ, समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव को अपने साथ आने का  बड़ा आफर दिया

है।

समाजवादी पार्टी  ने कहा है कि शिवपाल सिंह यादव अगर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-

लोहिया  का सपा के साथ विलय करने को राजी हो जाएं, तब विधानसभा सदस्य के रूप में उन्हें

अयोग्य करार दिए जाने की मांग वाली अर्जी वापस लिए जाने पर विचार करेगी.

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वरिष्ठ सपा नेता और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने 13 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष को

शिवपाल के खिलाफ अर्जी दी थी.

शिवपाल सदन में सपा के विधायक हैं, फिर भी अपनी अलग पार्टी चला रहे हैं.

राम गोविंद चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, “यदि शिवपाल अपनी पार्टी को भंग कर सपा के

साथ उसका विलय कर दें तो सपा उनके खिलाफ दायर अर्जी वापस ले लेगी.”

सपा ने पहली बार शिवपाल को विलय का प्रस्ताव दिया है.

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राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पार्टी ने शिवपाल को प्रस्ताव देने में काफी धर्य दिखाया है.

उन्होंने कहा, “वह 2017 में सपा के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुने गए थे,

लेकिन उन्होंने एक नई पार्टी बना ली और 2019 का लोकसभा चुनाव सपा उम्मीदवार के

खिलाफ लड़े.”

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 एक हफ्ता पहले, अखिलेश यादव ने कहा था कि जो कोई पार्टी में आना चाहे, उसके लिए

दरवाजा खुला है.

चौधरी के बयान पर जब शिवपाल से टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा, “परिवार में एकता की

पूरी गुंजाइश है,

लेकिन कुछ लोग साजिश रचते हैं और वे नहीं चाहते कि परिवार और पार्टी में एकता रहे.”

अखिलेश सरकार में शिवपाल यादव सबसे ताक़तवर मंत्री रहे हैं.

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लेकिन पार्टी से लेकर सरकार में चाचा और भतीजे में तनातनी बढ़ती रही.

साल 2016 के आख़िर में लड़ाई आर-पार की हो गई थी.

उन दिनों मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष थे.

उन्होंने शिवपाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था.

तो बदले में अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था.

मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर कर दिया था.