लखनऊ, श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन श्री लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का अवतरण 3228 ईसवी वर्ष पूर्व हुआ था।
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार इस बार योगेश्वर श्री कृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस बार भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी का आरंभ रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट पर होगा और अष्टमी सोमवार, 30 अगस्त को रात 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि को मानते हुए जन्माष्टमी का व्रत 30 अगस्त को किया जाएगा। इस बार शैव और वैष्णव यानी गृहस्थ और साधु-संत दोनों एक ही दिन व्रत करेंगे। श्री कृष्ण ने 3102 ईसवी वर्ष पूर्व मृत्यु लोक को छोड़ दिया था।