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छोटे व मझोले अखबार भी निभाते हैं समाज में अहम भूमिका-सत्येंद्र प्रकाश

नयी दिल्ली,  विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय के महानिदेशक सत्येन्द्र प्रकाश ने कहा है कि मौजूदा बदलते परिवेश में देश के छोटे एवं मझौले अखबारों की भूमिका अहम है और इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

श्री प्रकाश ने शुक्रवार को यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में ऑल इंडिया स्माल एंड मीडियम न्यूज पेपर्स फेडरेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय 48वें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से आए सैंकड़ों छोटे एवं मझौले समाचार पत्रों के प्रकाशकों को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यह वह वर्ग है जो सरकार की योजनाओं को समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने और आखिरी व्यक्ति की आवाज को सरकार तक पहुंचाने में सबसे अहम भूमिका अदा करता है।

डीएवीपी महानिदेशक ने प्रकाशकों को आश्वस्त किया कि छोटे एवं मझौले अखबारों की समस्याओं का समाधान कराने की दिशा में सरकार पूरी तरह संवेदनशील है क्योंकि सरकार की मूल भावनाओं को यही वर्ग हकीकत में पूरा करता है। अधिवेशन में पत्र सूचना कार्यालय ;पीआईबीद्ध के प्रधान महानिदेशक केण् एसण् धतवालिया ने सभी प्रकाशकों से कहा वे अपने समाचार पत्रों में देश हित को सर्वोपरि रखने का सन्देश देने के साथ.साथ खबरों का संकलन इस प्रकार करें कि किसी की भावनाएं आहत न हों।

फेडरेशन के दो दिवसीय अधिवेशन में जहां प्रकाशकों की समस्याओं को लेकर रणनीति बनाई गई वहीं इस अवसर पर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर राज्यों के अध्यक्षों का भी चुनाव हुआ। अधिवेशन में छोटे एवं मझौले समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापन के माध्यम से सशक्त बनाने और इन्हें वस्तु एवं सेवा कर ;जीएसटीद्ध मुक्त करने की मांग जोर.शोर से उठाई गई। अधिवेशन में हुए चुनाव में दिल्ली का प्रभारी पवन सहयोगी को बनाए जाने के साथ एल. सी. भारतीय, दिनेश त्रिखा, सुधीर पांडा, हफिजुल्ला खान, मलय बनर्जी और 13 अन्य लोगों को अलग.अलग प्रदेशों का अध्यक्ष घोषित किया गया।

फेडरेशन का दोबारा अध्यक्ष चुने जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरिंदर सिंह ने कहा कि भले ही देश आधुनिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है लेकिन प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता आज के दौर में भी कायम है। इस तथ्य को झुठलाया नहीं जा सकता है। लघु एवं मझौले समाचार पत्रों के अस्तित्व को बचाने एवं उनकी समस्याओं का हल करने की दिशा में फेडरेशन सदैव प्रयासरत रही है और आगे भी रहेगी। इस अवसर पर देश के 20 से अधिक राज्यों के सैकड़ों प्रकाशक उपस्थित रहे।