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बीजेपी सरकार मे अब तक हुये इतने बड़े घोटाले : अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि बीजेपी सरकार मे अब तक कितने बड़े घोटाले हुयें हैं?

अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट से निबटने में नाकामयाब  भाजपा सरकार अब अपने घोटालों पर पर्दा डालने की तिकड़म में लग गई है। उसकी जीरो टालरेंस नीति एक मजाक बन गई है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के साथ ही घोटाले भी शुरू हो गए। पीडीएस घोटाला, 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला, स्कूली बच्चों के लिए जूते-मोजो में घोटाला, डीएचएलएफ घोटाला, होमगार्ड घोटाला के साथ पीडब्लूडी, पंचायतीराज और बाल विकास पुष्टाहार घोटाले हैं जो काफी चर्चित हो चुके हैं। सबसे आश्चर्य जनक तो यह है कि तमाम घोटाले सचिवालय की परिधि में ही हुए हैं और उनमें मंत्रियों का स्टाफ भी संलिप्त पाया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूछा कि भाजपा सरकार के पास इस बात का क्या जवाब है कि सचिवालय में बैठकर जो भी लोग पशुपालन घोटाले को अंजाम दे रहे थे उनको सचिवालय में बैठने की जगह किसने दी?  यह भी बताया जाए कि सचिवालय की उस बैठक से मंत्री जी और उपमुख्यमंत्री जी का कक्ष कितनी दूरी पर है? सचिवालय में अलग से एक दफ्तर ही खुल जाए और किसी की उस पर नज़र ही न पड़े यह तो तभी सम्भव होगा जबकि ऊपर के बड़े लोग भी उसमें चल रहे ठगी के धंधे के कहीं न कहीं भागीदार होंगे?
भाजपा उन्होने कहाकि सरकार ने अपनी जान बचाने और मनमानी जांच के लिए अब एसटीएफ जांच का नया खेल शुरू कर दिया है। चाहे वह 69000 शिक्षक भर्ती का मामला हो या एक नाम से अनेक नौकरी करने या पशुधन मंत्री के निजी सचिव द्वारा ठेकेदारी घोटाला अथवा रामपुर में मो0 आजम खां की जांच हो। अपनों को बचाने और दूसरों को फंसाने की भाजपा की नीति के लिए भी एक एसटीएफ जांच होनी चाहिए।

राजनीतिक द्वेषवश वे तमाम जनहित की योजनाएं, जो समाजवादी सरकार में शुरू की गई थी, भाजपा सरकार ने उन्हें निष्क्रिय बनाने या बंद कर देने का काम किया है। इसके बावजूद संकट के समय पूर्ववर्ती सरकार के काम ही उसके उपयोग में आए हैं।

भाजपा ने राजनीतिक द्वेषवश समाजवादी सरकार में शुरू हुए अस्पतालों के निर्माण कार्य तीन साल तक बंद रखे। पहले से ही गोरखपुर और कन्नौज के अस्पतालों का निर्माण कार्य रोका नहीं होता तो जनता विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित नहीं रहती। अपराधों के प्रभावी नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक यूपी डायल 100 सेवा, महिलाओं से छेड़छाड़ पर नियंत्रण के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन सेवा, मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 समाजवादी एम्बूलेंस सेवा के साथ गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने और घर पहुंचाने के लिए 102 सेवाएं शुरू की गई थी। भाजपा ने इन सबको बर्बाद करने का काम किया। जनता तबाही के मुहाने पर है। भाजपा सरकार जहां थी वहीं पर विराम की मुद्रा में है। मुख्यमंत्री जी इस सबसे बेख़बर है।