लखनऊ, आम आदमी पार्टी ने यूपी की बीजेपी सरकार पर जातिवादी होने के साथ-साथ दलित पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया है. इन आरोपों मे काफी कुछ सच्चाई हो सकती है. इन आरोपों से प्रभावित होकर कई दलित पिछड़े बिना हकीकत जाने आम आदमी पार्टी की वाहवाही मे लग गयें हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी से कुछ खास सवाल हैं-
1- आम आदमी पार्टी मे दलितों और पिछड़ों के प्रति यह अचानक प्यार कहां से उमड़ पड़ा? कहीं ये यूपी मे 2022 मे होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये जातीय सियासत की पिच तो नही तैयार की जा रही है?
2- जिस आंदोलन से आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ उस भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के जनक अन्ना हजारे और पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव का आज पार्टी मे क्या स्थान है ? जबकि दोनों ही पिछड़े वर्ग से हैं?
3- आम आदमी पार्टी के कोटे से राज्यसभा भेजे गये तीन लोगों मे क्या एक भी पिछड़ा या दलित था? तब ये दलित पिछड़ा प्रेम कहां चला गया था?
4- केजरीवाल सरकार मे कितने मंत्री दलित और पिछड़ें हैं? और उन्हे कौन से विभाग मिलें है?
5-आम आदमी पार्टी के टाप टेन नेताओं मे से क्या एक भी दलित या पिछड़े वर्ग से है?
6-दिल्ली मे आम आदमी पार्टी सरकार ने अब तक दलितों व पिछड़ों के हित में क्या विशेष कार्य किये?