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बेदाग दमकती हुई स्किन पाने के कुछ बेहद आसान और घरेलू उपाय

अगर आपको मॉडल्स या अभिनेत्रियों की सुंदरता या फिर अपने दोस्तों व सहकर्मियों की बेदाग त्वचा को देखकर ईष्र्या होती हो और उनकी तुलना में खुद को अनाकर्षक समझती हों, तो अब आपको अपने कमियों को लेकर अपनी नींद गंवाने की जरूरत नहीं है। अगर आपने बड़ी ईमानदारी से क्लींजिंग, मॉयस्चराइजिंग व नियमित रूप से स्किन ट्रीटमेंट किया है, लेकिन उनसे कोई मदद नहीं मिली है, तो आपके पास और भी विकल्प है। इसके लिए आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना होगा… अच्छी नींद लेना त्वचा की क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया कार्य के दौरान कठिन होती है, जबकि नींद के दौरान यह प्रक्रिया अच्छी तरह पूरी होती है। इसलिए अगर आप रात को पूरी नींद नहीं सोती है, तो न सिर्फ आपके रूप पर इसका असर होता है बल्कि आंखों के आसपास काले धब्बे भी आने लगते है।

व्यायाम नियमित रूप से व्यायाम करने से न सिर्फ मन तरोताजा बना रहता है, बल्कि पूरे शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती है और रक्त का संचार तेज होता है। कहने की आवश्यकता नहीं है कि इससे त्वचा में भी निखार भी आता है या यूं कहे कि संपूर्ण स्वास्थ्य और सुंदरता पर गहरा असर होता है। लेकिन कुछ स्त्रियों में इसके विपरीत प्रभाव को भी देखा जाता है। जैसे- चेहरे के त्वचा का फटना, रैशेज पड़ना आदि के रूप में। यहां यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि इस प्रकार की त्वचा संबंधी समस्याएं व्यायाम के चलते नहीं होतीं। आपको वर्कआउट से पहले, इसके दौरान और इसके बाद में किस तरह त्वचा की देखभाल की जाए, आपको इसका पता होना जरूरी है। तनाव प्रबंधन हालांकि तनाव से त्वचा संबंधी समस्याएं सीधे तौर पर नहीं हो सकतीं, लेकिन पहले से मौजूद समस्याओं को बढ़ाने में इसका योगदान जरूर हो सकता है। वैसी तरकीब, जिनके इस्तेमाल से आपको तनाव से मुक्ति मिलती हो, उन्हे आजमाइए।

आपको इसके लिए घंटों योग व ध्यान का अभ्यास करने की जरूरत नहीं है। बल्कि इसके लिए नियमित रूप से आप चंद लम्हे ऐसे निकालें, जिसमें खुद को रिलैक्स कर सकें। उचित खानपान संतुलित आहार, ताजे फल व ताजी सब्जियां खाने और निम्नलिखित बातों पर अमल करने से निश्चित रूप से आप स्वस्थ रहेगी व आपकी त्वचा चमकती रहेगी। स्वस्थ आहार में विटमिंस व मिनरल्स शामिल होते है। खास तौर पर विटमिन ए, सी व ई, जो कि मुलायम त्वचा के लिए बहुत जरूरी हैं। चॉकलेट व चिकनाईयुक्त भोजन संतुलित मात्रा में लें और जिन चीजों में आयोडीन की मात्रा अधिक हो, उनके अधिक इस्तेमाल से भी बचें, क्योंकि इससे त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। धूम्रपान से हर हालत में बचें। यह त्वचा में निखार लाने की दिशा में दुश्मन की तरह काम करता है। खूब पानी पिएं एक सामान्य व्यक्ति के लिए कम से कम 12-14 ग्लास पानी प्रतिदिन पीना आवश्यक होता है जिसमें सभी प्रकार के पेय शामिल है। जीवन के लिए पानी अत्यावश्यक है और इसे उचित मात्रा में पीना सभी अंगों व तंत्रों, जिसमें त्वचा भी शामिल है, के लिए जरूरी है।

प्यास के अलावा शरीर में पानी की कमी से शारीरिक थकान व त्वचा में निखार की कमी भी होती है। हार्मोस का प्रभाव तनाव के लिए जिम्मेदार कॉर्टिजॉल से लेकर एंड्रोजेन जैसे सेक्स हार्मोस का आपकी त्वचा पर जबरदस्त असर होता है। हार्मोस के स्त्राव में गड़बड़ी से तैलीय ग्रंथि सक्रिय होती है और अधिक मात्रा में सीबम का निर्माण होने लगता है, जिससे कील-मुंहासे वाले बैक्टीरिया को पनपने का मौका मिल सकता है। नियमित नुस्खा सप्ताह में कम से कम एक बार स्क्रबिंग व फेस मास्क के उपयोग के अलावा नियमित रूप क्लींजिंग, से टोनिंग और मॉयस्चराइजिंग कराना जरूरी है। अपूर्णता का प्रबंधन व इलाज कुछ दाग को पंच द्वारा निकाला जा सकता है। इस प्रक्रिया में दाग या धब्बों को सबक्यूटेनियस लेयर तक नीचे ले जाया जाता है, जिससे त्वचा में एक प्रकार का छिद्र हो जाता है और स्किन ग्रा़फ्ट द्वारा जिसे भरा जाता है।

सबसाइजन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें उन जगहों के ऊतकों, जहा पर किसी तरह के दाग या धब्बे नहीं होते, को लेकर सर्जिकल प्रोब किया जाता है और इस तरह दाग या धब्बों को मिटा दिया जाता है। चिकनाईमुक्त त्वचा चेहरे पर अगर कील-मुंहासे हों, तो खूबसूरती बुरी तरह प्रभावित होती है। इनसे छुटकारा पाने के लिए बोटॉक्स, रिस्टाइलेन/वैकल्पिक फिलर इंजेक्शन्स आदि तरह का इलाज किया जाता है। विभिन्न प्रकार के फॉर्मूलेशन्स, जिन्हे सुई के माध्यम से त्वचा के अंदर प्रवेश कराया जाता है, से काले धब्बों से मुक्ति मिलती है और चेहरे में निखार आ जाता है। गंभीर शल्य क्रियाएं त्वचा संबंधी समस्याओं के गंभीर मामलों में ट्रांसप्लांट जैसी तकनीक आजमाई जा सकती है, जिससे न सिर्फ घाव वाली जगहों को फायदा पहुंचता है, बल्कि चेहरे में निखार भी आता है। इस प्रक्रिया में एक तरह से मेडिकल ग्राफ्टिंग की जाती है। जिस ऊतक से ट्रांसप्लांट किया जाता है, उसे स्किन ग्राफ्ट कहते है, जिससे चोटिल त्वचा को बदल दिया जाता है।

मल्टीक्लियर एक परिष्कृत फोटोथेरेपिटिक सिस्टम है, जिसमें कई प्रकार की गड़बड़ियों से निजात पाने के लिए डॉक्टर कंप्यूटर के इस्तेमाल द्वारा प्रकाश की वेंवलेंथ में अंतर लाते हुए इलाज करते है। अलग-अलग तरह की समस्याओं के लिए डॉक्टर उपयुक्त वेवलेंथ का प्रयोग करते है। इस विधि में चंद सेकेंड ही लगता है और इसमें किसी प्रकार की तकलीफ भी नहीं होती। इलाज की पूरी प्रक्रिया में कुल 5 से 8 मिनट का समय लगता है। स्टेच मार्क्स, विटिलिगो, सोरिएसिस व सफेद दाग आदि के इलाज के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। त्वचा की देखभाल के लिए 20 मिनट का रुटीन…

1. अपनी त्वचा के प्रकार को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त क्लींजिंग से अपने चेहरे को धोएं। इसका लोशन लगाने के लिएआप कॉटन बॉल या कपड़े को प्रयोग में ला सकती है।

2. दो मिनट तक अपने चेहरे पर गर्म पानी का भाप लें।

3. गर्म पानी से ही मास्क को उतारे फिर चेहरे पर मिनरल वॉटर का छींटा मारे।

4. पानी में ताजगी व रिलैक्स प्रदान करने वाले तेल की कुछ बूंदें डालने के बाद स्नान करे। आप अपनी आंखों पर इस्तेमाल की हुई हर्बल टी-बैग्स, खीरा या आलू के छिलके आदि का भी इस्तेमाल कर सकती है। ऐसी कुछ चीज लगाने के बाद, 10 मिनट तक पूरी तरह रिलैक्स रहे।

5. गीली त्वचा में ही पूरे शरीर पर बॉडी लोशन लगाएं। पैर, घुटने, कोहनी व गर्दन आदि का खास खयाल रखें।

6. आंखों को सुकून पहुंचाने वाले जेल, अगर आप कहीं बाहर निकल रही है, या फिर नाइट आई क्रीम, अगर आप सोने जा रही हैं, का प्रयोग आंखों के आसपास व आईलिड के ऊपर करे।