नई दिल्ली, यूपी मे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन आज फाइनल हो गया है। दिल्ली मे मायावती के बंगले पर चली बैठक मे गठबंधन पर अंतिम मोहर लग गयीं हैं।
आज अचानक दिल्ली पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की बसपा प्रमुख मायावती से मीटिंग के बाद सपा और बसपा के बीच सीटे तय हो गई है। सपा -बसपा प्रमुखों के बीच 4 घंटे चली मैराथन बैठक के बाद सपा और बसपा का 37 से 37 सीटों पर गठबंधन तय हो गया है। कांग्रेस के लिए 2 सीटें छोड़ी जा रही हैं, इसके अतिरिक्त दो सीटे राष्ट्रीय लोक दल को और शेष 2 सीटें क्षेत्रीय पार्टियों को देने का विचार है।
सूत्रों के अनुसार, यूपी में सपा-बसपा के साथ गठबंधन और सीटों का फॉर्मूला भी तय हो गया है। इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली सीट छोड़ी गईं हैं। इसके अलावा चौधरी अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी को 2 सीटें दी गईं है। आरएलडी के खाते में बागपत, मुजफ्फरनगर या कैराना संसदीय सीटें दी जाएगी। शेष दो सीटें छोटे दल निषाद पार्टी व पीस पार्टी को दी जायेंगी।
सपा और बसपा- दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ यूपी में गठबंधन करने के मूड में नहीं है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में अकेले चुनावी मैदान में उतरना पड़ सकता है। हालांकि गठबंधन की गुंजाइश बनी रहे, इस लिहाजा से सपा-बसपा कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली में गठबंधन प्रत्याशी नहीं उतारेंगी। इस गठबंधन का सबसे बड़ा असर बीजेपी पर पड़ेगा।