नयी दिल्ली, रक्षा मंत्रालय ने कोरोना महामारी के मद्देनजर स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले पर ध्वजारोहण के लिए विशेष प्रबंध किए हैं और इस बार अतिथियों को मास्क लगाकर दो गज की दूरी पर बैठना होगा।
मंत्रालय ने समारोह के दौरान सामाजिक दूरी, जरूरी एहतियात और राष्ट्रीय समारोह की शुचिता एवं गरिमा के बीच संतुलन बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। समारोह में निमंत्रण पत्र के बिना किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में ड्रिल के दौरान भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया जायेगा और समारोह का आकर्षण ‘स्कूली बच्चे’ इस बार नदारद रहेंगे क्योंकि उन्हें कोरोना के कारण इस बार समारोह से दूर रखा गया है।
समारोह की शुरूआत सुबह साढे छह बजे एनसीसी कैडेटों द्वारा गाये जाने वाले देशभक्ति गीतों के साथ होगी। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए सवा सात बजे सभी अधिकारी तैयार रहेंगे और साढे सात बजे प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे।
समारोह स्थल पर निर्बाध आवाजाही, भीड़ कम करने और उचित दूरी सुनिश्चित करने तथा आने-आने की सुविधा के लिए लकड़ी के फर्श को गलीचों से ढका गया है। सभी आमंत्रित अतिथियों के लिए सुगम रास्ता सुनिश्चित करने और लोगों को कतार में खड़े रहने से बचाने के लिए पर्याप्त दूरी पर अतिरिक्त मेटल डिटेक्टरों की व्यवस्था की गई है। वाहनों के सुचारू प्रवेश और निकास के लिए अधिकांश पार्किंग क्षेत्रों में ईंट बिछाई गयी हैं।
गार्ड ऑफ ऑनर में शामिल सुरक्षा कर्मियों को सुरक्षा के मद्देनजर क्वारंटीन में रखा गया हैं। दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए समारोह के दौरान दो मेहमानों के बीच बैठने की दूरी दो गज यानी 6 फुट रखी गई है। समारोह में प्रवेश के लिए निमंत्रण पत्र होना जरूरी है इसलिए जिन के पास औपचारिक निमंत्रण नहीं है उन्हें समारोह में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। अधिकारियों, राजनयिकों, जनता के प्रतिनिधियों और मीडिया आदि के लिए लगभग 4000 से अधिक आमंत्रण पत्र जारी किए गए हैं।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छोटे स्कूली बच्चों के बजाय एनसीसी कैडेट्स को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया और उन्हें ज्ञानपथ पर बैठाया जाएगा।