Breaking News

स्प्रिंगर नेचर के भारत अनुसंधान यात्रा 2024 को दिल्ली में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद में हरी झंडी दिखाई गई

नई दिल्ली, स्प्रिंगर नेचर इंडिया ने अपने राष्ट्रीय अनुसंधान यात्रा (नेशनल रिसर्च टूर) के दूसरे संस्करण के लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी की है। पिछले वर्ष की पहल की सफलता के आधार पर, इस वर्ष की यात्रा का उद्देश्य, अनुसंधान क्षमताओं को और बढ़ाना तथा विश्व स्तरीय संसाधनों और ज्ञान को उनके दरवाजे तक लाकर देश भर के शैक्षणिक संस्थानों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाना है।

विकास लक्ष्य रिसर्च में समानता-

भारत के 9 राज्यों के 17 शहरों के 30-दिवसीय यात्रा का केंद्रीय विषय रिसर्च इंटीग्रिटी, ओपन एक्सेस, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) और रिसर्च में समानता होगा।

स्प्रिंगर नेचर के प्रमुख प्रतिनिधि-

इंडिया रिसर्च टूर 2024 की शुरुआत करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में आईसीएसएसआर के अध्यक्ष (कार्यवाहक) प्रोफेसर दीपक कुमार श्रीवास्तव और आईसीसीएसआर के अन्य वरिष्ठ सदस्य और स्प्रिंगर नेचर के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल हुए। यात्रा के माध्यम से नियोजित 26 समिट में से पहला रिसर्च समिट जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में ‘रिसर्च इंटिग्रिटी एंड इट्स रोल इन स्ट्रेंथनिंग इन इंडियन रिसर्च आउटपुट ‘ विषय पर आयोजित किया गया था। पैनलिस्टों में जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार, जेएनयू के प्रोफेसर एलुमलाई कन्नन और स्प्रिंगर नेचर की कम्युनिकेशन डाइरेक्टर इंडिया, निधि गुलाटी शामिल थीं।

अकादमिक और अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं को कवर करता दौरा-

यह बस अब भारत भर के प्रमुख शहरों और शैक्षणिक संस्थानों का भ्रमण करेगी, तथा व्यावहारिक कार्यशालाएं, प्रशिक्षण सत्र तथा नवीनतम उपकरणों और जानकारियों तक पहुंच उपलब्ध कराएगी। यह दौरा अकादमिक और अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं को भी कवर करेगा, जिसमें रिसर्च इंटीग्रिटी, ओपन एक्सेस और ट्रांसफॉर्मेटिव एग्रीमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यात्रा के दौरान प्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से, स्प्रिंगर नेचर का उद्देश्य विशेष रूप से भारत से अनुसंधान के परिणामों को बढ़ाना तथा प्रख्यात शोधकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों और इंडस्ट्री के लीडर्स के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना

विश्व स्तरीय ज्ञान तक पहुंच को बढ़ावा देना-

*स्प्रिंगर नेचर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटेश सर्वसिद्धि ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा*, “ हम भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय अनुसंधान यात्रा के दूसरे संस्करण को शुरू करने पर रोमांचित हैं। स्प्रिंगर नेचर में, हम विशेष रूप से रिसर्च इंटीग्रिटी, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) और ओपन एक्सेस पर ध्यान केंद्रित करके भारत में रिसर्च इकोसिस्टम के पोषण और समर्थन के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी विशेषज्ञता और वैश्विक संसाधनों को सीधे देश भर के शोधकर्ताओं तक पहुंचाकर, हमारा लक्ष्य अधिक सहयोग, नवाचार और विश्व स्तरीय ज्ञान तक पहुंच को बढ़ावा देना है। यह पहल प्रभावशाली अनुसंधान को आगे बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो राष्ट्रीय विकास और वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय दोनों में योगदान दे सकता है।“

नवीन अनुसंधान को बढ़ावा-

*आईसीएसएसआर के सदस्य सचिव प्रो. धनंजय सिंह ने कहा*, “ नेशनल रिसर्च टूर 2024 के लिए स्प्रिंगर नेचर के साथ हमारी साझेदारी भारत में अनुसंधान परिदृश्य को मजबूत करने, विशेष रूप से सामाजिक और मानव विज्ञान तथा अन्य अंतःविषय क्षेत्रों में, हमारी साझा प्रतिबद्धता का उदाहरण है। यह पहल देश भर के शोधकर्ताओं तक महत्वपूर्ण संसाधन, ज्ञान और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को सीधे पहुंचाती है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संवादों में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाया जाता है। हमारा मानना है कि यह सहयोग स्कालर्स की एक नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा और नवीन अनुसंधान को बढ़ावा देगा जो हमारे समाज के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों का समाधान करेगा।“

महिला शोधकर्ताओं के साथ संबंधों को मजबूत करना-

नेशनल रिसर्च टूर के प्रमुख उद्देश्यों में विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में विशेष रूप से एनआईटी, आईआईएम, प्रमुख मेडिकल स्कूलों, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और डीएसटी संस्थानों, सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ कुछ प्रमुख निजी विश्वविद्यालयों में रिसर्च इको-सिस्टम को मजबूत करना, रिसर्च इंटिग्रिटी को बढ़ावा देना, “हर रिसर्च आवर फ्यूचर” अभियान के माध्यम से महिला शोधकर्ताओं के साथ संबंधों को मजबूत करना, वैश्विक मंच पर भारत भर में सतत विकास लक्ष्य ( एसडीजी ) केंद्रित शोध की दृश्यता में सुधार करके एसडीजी एलाइनमेंट और भारत से स्प्रिंगर नेचर जर्नल्स के लिए अधिक एडिटोरियल बोर्ड मेम्बर्स (ईबीएम) की भर्ती करना है।  (वर्तमान में भारत से ईबीएम का प्रतिशत 4.8 है)।

नेशनल रिसर्च टूर का अगला पड़ाव 23 सितंबर 2024 को बिट्स पिलानी, राजस्थान में होगा।

शैक्षणिक संस्थानों में सार्थक प्रभाव-

नेशनल रिसर्च टूर के लिए आईसीएसएसआर और स्प्रिंगर नेचर के बीच साझेदारी भारत में एक मजबूत अनुसंधान माहौल को बढ़ावा देने के लिए पारस्परिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। स्प्रिंगर नेचर की वैश्विक विशेषज्ञता और संसाधनों के साथ सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को आगे बढ़ाने पर आईसीएसएसआर के फोकस को मिलाकर, यह पहल देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में सार्थक प्रभाव डालने के लिए तैयार है। इसका उद्देश्य शोधकर्ताओं को वैश्विक मंच पर भारतीय शोध की गुणवत्ता और दृश्यता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण, ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।

स्प्रिंगर नेचर-

180 से अधिक वर्षों से स्प्रिंगर नेचर रिसर्च कम्युनिटी को सर्वोत्तम संभव सेवा प्रदान करके खोज को आगे बढ़ा रहा है। हम शोधकर्ताओं को नए विचारों को बाहर लाने में मदद करते हैं, लाइब्रेरियन और संस्थानों को प्रौद्योगिकी और डेटा में नवाचारों के साथ सहायता करते हैं और सोसाइटीज को गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन सहायता प्रदान करते हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे द्वारा प्रकाशित सभी शोध महत्वपूर्ण, मज़बूत और वस्तुनिष्ठ जांच के लिए तैयार हों, कि यह सभी प्रासंगिक दर्शकों तक सर्वोत्तम संभव प्रारूप में पहुँचे, और इसे खोज के लिए, एक्सेस, उपयोग, पुनः उपयोग किया जा सके और साझा भी किया जा सके।

अग्रणी शैक्षिक और पेशेवर प्रकाशक-

एक शोध प्रकाशक ( रिसर्च पब्लिशर ) के रूप में, स्प्रिंगर नेचर स्प्रिंगर, नेचर पोर्टफोलियो, बीएमसी, पालग्रेव मैकमिलन और साइंटिफिक अमेरिकन सहित विश्वसनीय ब्रांडों के लिए जाना जाता है। स्प्रिंगर नेचर एक अग्रणी शैक्षिक और पेशेवर प्रकाशक भी है, जो कई तरह के अभिनव प्लेटफ़ॉर्म, उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदान करता है। हर दिन, दुनिया भर में, हमारी इंप्रिंट, किताबें, पत्रिकाएँ और रिसोर्स लाखों लोगों तक पहुँचते हैं।

आई.सी.एस.एस.आर-

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की स्थापना वर्ष 1969 में भारत सरकार द्वारा देश में सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। परिषद का उद्देश्य है-

1. सामाजिक विज्ञान अनुसंधान की प्रगति की समीक्षा और इसके उपयोगकर्ताओं को सलाह देना;

सामाजिक विज्ञान अनुसंधान कार्यक्रमों और परियोजनाओं को प्रायोजित करना और सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए संस्थाओं और व्यक्तियों को अनुदान प्रदान करना-

• सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान के लिए छात्रवृत्तियाँ और फ़ेलोशिप स्थापित करना और प्रशासित करना;

• उन क्षेत्रों को इंगित करना जिनमें सामाजिक विज्ञान अनुसंधान को बढ़ावा देना है और उपेक्षित या नए क्षेत्रों में अनुसंधान के विकास के लिए विशेष उपाय अपनाना है;

• सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में लगे संस्थानों, एसोशिएशन और जर्नल्स को वित्तीय सहायता देना।

• समय-समय पर संदर्भित किए जाने वाले सामाजिक विज्ञान अनुसंधान से संबंधित सभी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देना; तथा सामाजिक विज्ञान अनुसंधान और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर आवश्यक उपाय करना।

रिपोर्टर आभा से